- अशोक अरोड़ा बनाए जा सकते हैं नेता प्रतिपक्ष
- हिसार के हार नेता एक-दूसरे पर हार की ठीकरा फोड़ रहे
- जितेद्र पंघेल बन सकते हैं हरियाणा कांग्रेस सहप्रभारी
Haryana Congress News | प्रवीन कुमार | हिसार। आने वाले समय में क्या हरियाणा कांग्रेस पार्टी के नेताओं की गुटबाजी में सुधार हो पाएगा या नहीं, लोगों के जहन में आज भी यह सवाल खड़ा है। हरियाणा में हुड््डा व सैलजा गुट आज भी बंटे हुए हैं। जिसके कारण कांग्रेस में गुटबाजी है।
कांंग्रेस का संगठन आज तक नहीं बन पाया। जिसका खामियाजा इन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भुगतना पड़ा। कांंग्रेस पार्टी हाई कमान द्वारा हरियाणा में परिवर्तन किया जा रहा है और कांग्रेस पार्टी सगंठन बनाने को तैयार हो रही है अध्यक्ष व प्रतिपक्ष का नेता जल्द चुना जाएगा।
नलवा व बरवाला के नेता हार का ठीकरा एक दूसरे फोड़ रहे
हरियाणा प्रदेश में 37 सीटें कांग्रेस को मिली। बहुमत ने मिलने के बाद अब कांग्रेस के नेता हार की ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं। हिसार में बरवाला व नवला से सीटें हारी तो यहा के टिकटार्थी हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं। कुछ कांग्रेस के विधायक ईवीएम मशीन को हार का जिमेदार मानते है।
बरवाला से कांगेस के टिकटार्थी रामनिवास घोडेÞला ने कहा कि कांग्रेस की भीतरघात होने के कारण उनकी हार हुई जबकि नलवा से कांग्रेस सीट पर लड़े अनिल मान ने पूर्व मंत्री संपत सिंह पर हार को लेकर जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पूर्व मंत्री संपत सिंह को नवला से टिकट नहीं मिला था। संपत सिंह पहले 6 बार विधायक व हरियाणा में मंत्री रह चुके हैं।
ग्यारह साल से कांग्रेस का हरियाणा में संगठन नहीं बना
हरियाणा प्रदेश में ग्यारह साल से संगठन नहीं बना है। कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। साथ ही गुटबाजी, संगठन न खड़ा होना भी हार का कारण है। कांग्रेस पार्टी हाईकमान कांग्रेस प्रभारी और प्रभारी और प्रधान में परिवर्तन करने जा रही है।
राजनीतिक सूत्रों से पता चला है कि प्रभारी दीपक बवारिया को हटाया जा सकता है। इसके साथ ही अध्यक्ष उदयभान के स्थान पर दूसरे नेता को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाएगा। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी को एक नहीं कर पाए और न ही कांग्रेसी की गुटबाजी को खत्म कर पाए।
हरियाणा में जितेंद्र बघेल को सहप्रभारी नियुक्त किया है। जितेंद्र बघेल ने कहा कि प्रदेश में सभी नेताओं को साथ लेकर और सगंठन बनाना बड़ी चुनौती है। इसलिए नए नेताओं को नियुक्त करने के बाद कांग्रेस के लिए पहला कदम संगठन खड़ा करना होगा। इसके बाद जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष चुने जाएंगे। सूची बनाने से पहले लिस्ट हाई कमान को दी जाएगी। ऐेसे में कांग्रेस की सीनियर लीडर कुमारी सैलजा को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है।
हुड्डा का नेता प्रतिपक्ष बनना मुश्किल
हरियाणा में सीपीएल लीडर भी चुना जाना है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह का प्रतिपक्ष नेता बनना मुश्किल नजर आ रहा है। क्योंकि हार के चलते हाई कमान नाराज है। उनके स्थान पर अशोक अरोड़ा को प्रतिपक्ष का नेता चुना जा सकता है। तेरह नवंबर से विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले प्रतिपक्ष का नेता चुना जा सकता है।
फिलहाल हुड्डा के साथ 37 में से 32 विधायक है औैर शेष विधायक कुमारी सैलजा के समर्थक माने जाते है। ऐसे में माना जा रहा है हुड्डा के बाद किसी दूसरे नेता को प्रतिपक्ष का नेता चुना जा सकता है। हुड्डा की ओर से अशोक अरोड़ा, गीता भुक्कल का नाम आगे चल रहा है और सैलजा की तरफ से चंद्रमोहन का नाम आगे चल रहा है।
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