Haryana News: हरियाणा कांग्रेस के नेता दिल्ली तलब, नेता प्रतिपक्ष पर हो सकता है फैसला

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Haryana News: हरियाणा कांग्रेस के नेता दिल्ली तलब, नेता प्रतिपक्ष पर हो सकता है फैसला
Haryana News: हरियाणा कांग्रेस के नेता दिल्ली तलब, नेता प्रतिपक्ष पर हो सकता है फैसला

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी बैठक में रहेेंगे मौजूद
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को दिल्ली तलब किया गया है। आज दोपहर 2 बजे कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में दिल्ली में अहम बैठक होगी। बैठक में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता भी मौजूद रहेंगे। बैठक में हरियाणा कांग्रेस में बदलाव को लेकर चर्चा की जा सकती है। वहीं नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी। विपक्ष के नेता के तौर पर डॉ. रघुबीर कादियान और अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है।

हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान के भी सियासी भविष्य को लेकर फैसला हो सकता है। कहा जा रहा है कि बीके हरिप्रसाद को अहम जिम्मेदारी इन्हीं वजहों से दी गई है। राज्य प्रमुख के लिए कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद चौधरी वरुण मुलाना, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अशोक अरोड़ा, राव दान सिंह और गीता भुक्कल जैसे नामों की चर्चा है। बीके हरिप्रसाद का कहना है कि दिल्ली में होने वाली बैठक किसी को बाहर करने पर नहीं हो रही है। अन्य लोगों को हरियाणा कांग्रेस में कैसे शामिल किया जाए, उस पर जोर दिया जाएगा।

सिर्फ हुड्डा परिवार पर केंद्रित नहीं रहना चाहती कांग्रेस

कांग्रेस हरियाणा में सिर्फ हुड्डा परिवार पर ही केंद्रित नहीं रहना चाहती है, गैर जाट जाति-समूहों के बड़े नेताओं को जोड़ने की कोशिश करना चाहती है। हुड्डा परिवार के रसूख को हरियाणा में कम करने की कोशिश नहीं की जा रही है। यह उनके नेतृत्व में दूसरे घटकों को भी भागीदारी देने की कोशिश है। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस, जाति आधारित प्रतिनिधित्व की बात करती है। जिस तबके की जितनी हिस्सेदारी, उसका उतना प्रतिनिधित्व।

गैर जाट समुदायों को साधने में फेल रही कांग्रेस

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हुड्डा परिवार पर निर्भर हो गई। गैर जाट समुदायों को साधने में फेल रही। पार्टी के भीतर हुड्डा परिवार से अलग खेमे में रहने वाले नेताओं की नाराजगी भी चुनाव में भारी पड़ी। कांग्रेस की राज्य में क्रॉस वोटिंग की वजह से राज्यसभा में भी अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि कांग्रेस के संगठन में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस ने साल 2025 में खुद को नए सिरे से स्थापित करने का मंत्र लिया है।

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