मानसून सेशन पर फैसला लेंगे, 12 सितंबर तक न बुलाया तो विधानसभा भंग संभव
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा विधानसभा भंग करने की योजना बना रही है। इसे लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी इसी हफ्ते कैबिनेट मीटिंग बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। अगस्त की चौथी कैबिनेट मीटिंग में 12 सितंबर से पहले विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने या विधानसभा भंग करने को लेकर फैसला लिया जाएगा। सरकार के सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसर इसे लेकर संविधान विशेषज्ञों से भी राय शुमारी कर रहे हैं। फिलहाल, सरकार किसी भी तरह मानसून सत्र बुलाने को तैयार नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द होने वाली कैबिनेट मीटिंग में हरियाणा विधानसभा भंग करने का फैसला हो सकता है।
हरियाणा में संवैधानिक संकट का कारण
हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है। इसकी वजह 6 महीने के भीतर एक बार विधानसभा सेशन बुलाना है। राज्य विधानसभा का अंतिम सेशन 13 मार्च को हुआ था। उसमें नए बने उट नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके बाद 12 सितंबर तक सेशन बुलाना अनिवार्य है। यह संवैधानिक संकट ऐतिहासिक भी है, क्योंकि देश आजाद होने के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। हरियाणा में ही कोरोना के दौरान भी इस संकट को टालने के लिए 1 दिन का सेशन बुलाया गया था।
6 माह में सत्र न बुलाने का इतिहास में उदाहरण नहीं
संविधान के जानकार मानते हैं कि वैसे तो यह महज कागजी औपचारिकता है, लेकिन संवैधानिक तौर पर अनिवार्य होने से इसे हर हाल में पूरा करना होगा। ऐसी सूरत में भी सेशन न बुलाया गया हो, ऐसा कोई उदाहरण देश में नहीं है।
14वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक
राज्य में इस समय 15वीं विधानसभा चल रही है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। इसका नोटिफिकेशन 5 सितंबर को जारी होगा। 1 अक्टूबर को वोटिंग और 4 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है।