नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पंडित दीनदयाल उपाध्याय केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा अनुसंधान और प्रकाशन नैतिकता पाठ्यक्रम के तहत विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। विज्ञान और अनुसंधान के परिप्रेक्ष्य में नैतिकता विषय पर आधारित इस व्याख्यान में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। कुलपति ने अनुसंधान नैतिकता, मेट्रिक्स, वैज्ञानिक आचरण और प्रकाशन कदाचार से संबंधित विभिन्न अवधारणाओं पर विस्तार से चर्चा की।
नैतिक मानक उन मूल्यों को बढ़ावा देते हैं : प्रो. टंकेश्वर कुमार
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड चार में आयोजित इस विशेषज्ञ व्याख्यान में प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अनुसंधान नैतिकता में आने वाली समस्याओं का विश्लेषण करने और उनका समाधान करने के लिए अपनाएं जाने वाले तरीकों से शोधार्थियों को अवगत कराया। साथ ही उन्होंने शोध में नैतिकता के महत्त्व पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि अनुसंधान कार्य में विभिन्न विषयों और संस्थानों के लोगों के बीच सहयोग और समन्वय शामिल होता है, इसलिए नैतिक मानक उन मूल्यों को बढ़ावा देते हैं जो सहयोगी कार्य निष्पक्षता के लिए आवश्यक हैं। नैतिक मानदंड शोधकर्ता की जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं। कुलपति ने शोधार्थियों के प्रश्नों के जवाब देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया।
विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. संतोष सी.एच. ने प्रो. टंकेश्वर कुमार का परिचय प्रस्तुत करते हुए पाठ्यक्रम की विशेषताओं से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यक्रम का समन्वयक एवं सूचना वैज्ञानिक डॉ. विनीता मलिक ने बताया कि अनुसंधान में नैतिकता की कमी किस तरह से आमजन के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. राजीव वशिष्ठ ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। विशेषज्ञ व्याख्यान में विभिन्न विभागों के 150 शोधार्थियों ने सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षो, शिक्षकों, अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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