हकेवि में भारतीय भाषाओं में शोध एवं अकादमिक लेखन कार्यशाला का हुआ समापन

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Haryana Central University (HKV) Mahendragarh
Haryana Central University (HKV) Mahendragarh

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संपोषित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का वीरवार को समापन हो गया। तीन दिवसीय इस आयोजन में बारह सत्र आयोजित किए गए, जिनमें अंतिम दिन प्रथम सत्र में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सह-आचार्य प्रो. कामराज सिंधु ने व दूसरे व तीसरे सत्र में श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. आर.पी. पाठक ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संदेश के माध्यम से आयोजन के लिए आयोजको की सराहना की और इसमें सम्मिलित विशेषज्ञों को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आशा है कि तीन दिवसीय इस आयोजन में विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत व्याख्यान व व्यावहारिक प्रशिक्षण का लाभ प्रतिभागी उठाएंगे।

कार्यक्रम की सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के कुलपति को जाता है : प्रो. सारिका शर्मा

आयोजन की संयोजक व शिक्षा पीठ की अधिष्ठाता प्रो. सारिका शर्मा ने तीन दिवसीय इस आयोजन को सफल बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के कुलपति को जाता है, जिनकी प्रेरणा व मार्गदर्शन से यह आयोजन संभव हो सका। उन्होंने कहा कि अवश्य ही इसमें अर्जित ज्ञान का लाभ प्रतिभागियों को प्राप्त होगा। कार्यशाला संचालक प्रो. नंद किशोर ने तीसरे दिन की कार्यशाला का शुभारंभ प्रतिभागियों से विशेषज्ञों का परिचय कराते हुए किया। आयोजन के प्रथम सत्र ने प्रो. कामराज सिंधु ने पुस्तक समीक्षा लेखन पर विचार-विमर्श पर चर्चा की। उन्होंने पुस्तक समीक्षा के प्रकार, उद्देश्य, महत्त्व, शैली, विषय, प्राक्कथन आदि से विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला के दूसरे व तृतीय सत्र में प्रो. आर.पी. पाठक ने समीक्षा लेखन पर चर्चा करते हुए कहा कि समीक्षा लेखन वास्तविकता पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए सुझावों को भाषा के परिप्रेक्ष्य में चर्चा की। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से शब्दों के प्रयोग का महत्त्व बताया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने अपने तीन दिनों के अनुभवों को साझा किया। कार्यशाला के आयोजन में सह समन्वयक प्रो. गौरव, सदस्य डॉ. आरती यादव, डॉ. अमित सिंह, डॉ. रूबल कलिता व डॉ. शरण प्रसाद सहित शिक्षा पीठ के शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की।

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