Aaj Samaj (आज समाज), Haryana Central University, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला के अंतर्गत ’भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार में मीडिया की भूमिका’ विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में हकेवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित करने के लिए विभाग को बधाई दी।
आयोजन की शुरुआत में हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अरविंद सिंह तेजावत ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। विशेषज्ञ वक्ता का परिचय शोधार्थी योगेश कुमार ने प्रस्तुत किया। विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि ’भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार में मीडिया की भूमिका’ से अभिप्राय भारतीय भाषाओं में व्याप्त विविधता से है।
भाषा और मीडिया का संबंध बहुत ही व्यापक है। ये दोनों ही एक दूसरे को समृद्ध करने का कार्य करते हैं, भाषा तभी समृद्ध होती है जब वह व्यवहार में आती है। लोग ही भाषा को व्यवहार में लाकर उसे जीवंत बनाते हैं। स्थानीय भाषा के बढ़ते प्रयोग के कारण मीडिया में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और इसी के साथ-साथ क्षेत्रीय चैनलों की भी वृद्धि हुई है। कई पत्र-पत्रिकाएं क्षेत्रीय भाषाओं में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। आज का युग इंटरनेट का युग है और इस कारण आबादी के अनुसार भारत विश्व के लिहाज से सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाला देश भी है।
उन्होंने कहा कि भारत की आबादी को देखते हुए आज पूरे विश्व की निगाहें भारतीय बाजार पर हैं, इस कारण भाषा का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे समय पर विभिन्न भाषा का ज्ञान रखने वाले लोगों की मांग बढ़ रही है। इसी संदर्भ में जिक्र करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर सरकार द्वारा भाषा पर दिए गए विशेष बल पर भी सभी का ध्यान आकर्षित करवाते हुए, यह बताया कि भाषा के क्षेत्र में कैसे अच्छा प्रदर्शन कर रोजगार के नए अवसर मीडिया व अन्य क्षेत्रों में पैदा किए जा सकते हैं।
व्याख्यान के पश्चात आयोजित सवाल-जवाब सत्र में विशेषज्ञ ने प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया। व्याख्यान में मंच का संचालन विभाग की छात्रा निधि ने किया जबकि डॉ. अमित कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. बीर पाल सिंह यादव, सह आचार्य डॉ. कमलेश कुमारी, सहायक आचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय, डॉ. रीना स्वामी उपस्थित रहे।
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