- आईसीएसएसआर से मिली मंजूरी
Aaj Samaj (आज समाज), Haryana Central University, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
लेह-लद्दाख में उपलब्ध हथकरघा उद्योग अपने उत्पादों के लिए देश-विदेश में एक अलग पहचान रखता है। बावजूद इसके पिछले कुछ दशकों में आवश्यक बदलावों के परिणाम स्वरूप इस उद्योग के सतत विकास की दिशा में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
तेजी से बदलते बाजार और उसकी आवश्यकताओं को देखते हुए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग द्वारा इस उद्योग के विकास हेतु विशेष शोध कार्य किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि अवश्य ही यह शोध कार्य लेह-लद्दाख के हथकरघा उद्योग के विकास हेतु प्रयासरत नीति-निर्धारकों के लिए उपयोगी साबित होगा।
विभाग के सहायक आचार्य डॉ. विवेक बाल्यान को इस कार्य हेतु भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएसएसआर) की ओर से माइनर प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अनुदान प्रदाता संस्थान को हकेवि द्वारा एक साल में लेह-लद्दाख के क्षेत्र में उपस्थित हथकरघा उद्योग के विकास हेतु आवश्यक विभिन्न नवाचार, पर्यावरण हितैषी उपायों पर केंद्रित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। डॉ. विवेक बाल्यान ने बताया कि हम देखते हैं कि जम्मू-कश्मीर व लेह-लद्दाख क्षेत्र में चलने वाले लघु उद्योग विशेषकर हथकरघा उद्योग से बने उत्पादों की मांग राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी खूब है।
बावजूद इसके किन्हीं कारणों से इस उद्योग को विकास के वह अवसर प्राप्त नहीं हो सके हैं, जिसका यह हकदार है। इस शोध कार्य के अंतर्गत हम इसी दिशा में केंद्रित शोध कार्य करेंगे और एक साल की कार्यावधि के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
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