Aaj Samaj (आज समाज), Haryana Central University, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेन्द्रगढ में संस्कृत विभाग द्वारा संगणकीय भाषाविज्ञानः अन्तर्विषयक क्षेत्र एवं अवसर विषय पर ऑनलाइन-व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में डॉ. सुभाष चन्द्रा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संस्कृत भाषा केवल भाषा नहीं है अपितु समस्त ज्ञान विज्ञान की जननी है।
संस्कृत भाषा का ज्ञान अनिवार्य : प्रो. सुषमा यादव
संस्कृत के ज्ञान के बिना विज्ञान को समझना बहुत कठिन कार्य है। विश्वविद्यालय की सम-कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने अपने वक्तव्य में बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा को समझने के लिए संस्कृत भाषा का ज्ञान अनिवार्य है। सभी को संस्कृत भाषा पढ़नी एवं बोलनी चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुभाष चन्द्रा ने अपने व्याख्यान द्वारा प्रतिभागियों को संगणकीय भाषाविज्ञान के बारे में बताते हुए इस अन्तर्विषयक क्षेत्र में हो रहे विभिन्न कार्यों से अवगत करवाया। उन्होंने प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण की विभिन्न विधियों को संस्कृत के सन्दर्भ में व्याख्यायित किया। डॉ. चन्द्रा ने पाणिनीय व्याकरण के विभिन्न अनुप्रयोगों एवं आधुनिक कोडिंग के साथ समता को उदाहरण सहित बताया।
विभिन्न विभागों के शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी छात्र उपस्थित रहे
कार्यक्रम संयोजिका डॉ. सुमन रानी द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापन, डॉ. देवेन्द्र सिंह राजपूत द्वारा मुख्य वक्ता का परिचय एवं सुमित शर्मा द्वारा मंच संचालन किया गया। कार्यक्रम में प्रो. रणबीर सिंह, कुलानुशासक प्रो. नंदकिशोर, डॉ. अजयपाल, डॉ. नवीन, प्रो. बीरपाल, डॉ. सिद्धार्थ शंकर, डॉ. अमित एवं विभिन्न विभागों के शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी छात्र उपस्थित रहे।
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