- हकेवि में नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजन
- पद्मश्री संतोष यादव ने दिया स्वस्थ जीवन का मंत्र
- प्रतिभागियों ने आयुष मंत्रालय के प्रोटोकॉल के तहत किया योगाभ्यास
Aaj Samaj (आज समाज), Haryana Central University, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
भारत की धरती पर जन्म लेने वाला हर व्यक्ति सौभाग्यशाली है। भारत ही वह भूमि है जहां पुरातन काल से आमजन की दिनचर्या का हिस्सा रहे योग के महत्त्व को आज समूचा विश्व मान रहा है। भारत ने ही विश्व पटल पर योग को स्वस्थ जीवन के आधार के रूप में स्थापित करने का कार्य किया है। यही वह कारण है जिसके परिणामस्परूप समूचा विश्व नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मना रहा है।
यह विचार नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत विश्वविद्यालय शिक्षकों, अधिकारियों, शिक्षणेतर कर्मचारियों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों व स्थानीय नागरिकों ने योगाभ्यास किया। आयोजन में विशेषज्ञ व्याख्यान हेतु पद्मश्री संतोष यादव उपस्थित रहीं।
विश्वविद्यालय के योग विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) तथा योग ट्रेकिंग व एडवेंचर क्लब के संयुक्त प्रयासों से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकाल योगाभ्यास के साथ हुई।
जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति सहित समकुलपति प्रो. सुषमा यादव, कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने आयोजन की अगुवाई की। आयोजन के दौरान योग विभाग के विद्यार्थियों व शोधार्थियों ने आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित योगा प्रोटोकॉल के तहत विभिन्न योग क्रियाएं कराई। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सदैव ही अपने पुरातन ज्ञान व समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए विख्यात रहा है। योग भारत की उसी परम्परा का एक प्रत्यक्ष प्रमाण है।
हमें वह अवसर प्राप्त है जिसके परिणाम स्वरूप हम बिना किसी बाधा के हिमालय पर्वत श्रृंखला का भ्रमण कर सकते हैं। पवित्र गंगा में स्नान कर शुद्धता को प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय ज्ञान परम्परा इसी का प्रमाण है कि हम समूचे विश्व के समक्ष जीवन के गूढ़ सत्य से अवगत करा रहे हैं। योग इसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण है और समूचा विश्व इसकी महत्ता स्वीकार कर रहा है।
आयोजन में उपस्थित विशेषज्ञ वक्ता पद्मश्री संतोष यादव ने अपने जीवन अनुभवों के माध्यम से प्रतिभागियों को स्वस्थ जीवनचर्या और उसके लिए आवश्यक उपायों से अवगत कराया। उन्होंने अपने संबोधन में खानपान में संयम, योगाभ्यास, ध्यान लगाने पर जोर दिया और बताया कि किस तरह से उन्होंने अपने जीवन में कुछ नियमों का पालन करके माऊंट एवरेस्ट फतह जैसी उपलब्धि हासिल की। अपने संबोधन में पद्मश्री संतोष यादव ने प्रतिभागियों को सादगी भरे जीवन और उससे प्राप्त होने वाली सकरात्मक ऊर्जा से अवगत कराया और कहा कि इसके माध्यम से आप इच्छित लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में सभी को कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित किया और कहा कि इसके परिणाम स्वरूप प्राप्त होने वाले फल को लेकर चिंतित न होने की भी सीख दी। आयोजन के आरंभम में शोध अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मद्देनजर विश्वविद्यालय द्वारा बीत दो सप्ताह से जारी विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी और स्थानीय स्तर पर आयोजित योगाभ्यास शिविरों के लिए सहभागी ग्रामीणों का भी मंच से आभार व्यक्त किया। मुख्य वक्ता पद्मश्री संतोष यादव का परिचय योग विभाग के प्रभारी डॉ. अजयपाल ने प्रस्तुत किया जबकि मंच का संचालन शिक्षक शिक्षा विभाग की डॉ. किरण रानी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. दिनेश चहल ने किया।
इस आयोजन में प्रो. सारिका शर्मा, प्रो. पवन कुमार मौर्य, प्रो. हरीश, प्रो. आनंद शर्मा, प्रो. पवन शर्मा, प्रो. बीरपाल सिंह यादव, प्रो. सुनील, डॉ. नवीन, डॉ. खेराज, डॉ. अमित सहित भारी सख्ंया में शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।
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