नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
Haryana Central University: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के स्कूल ऑफ एजुकेशन द्वारा गुणात्मक अनुसंधान पद्धति पर एक सप्ताह की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का समापन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में शैक्षणिक संस्थानों में वर्तमान परिदृश्य में अनुसंधान की भूमिका पर प्रकाश डाला।
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हकेवि में हुआ गुणात्मक अनुसंधान पद्धति पर केंद्रित कार्याशाला का आयोजन Haryana Central University
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि संपूर्ण शिक्षा, शिक्षण शिक्षण के साथ-साथ अनुसंधान में प्रौद्योगिकी की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि चूंकि मात्रात्मक अनुसंधान में प्रौद्योगिकी का अत्यधिक उपयोग किया जाता है, लेकिन समाज के भीतर विभिन्न सामाजिक संदर्भों और वास्तविकताओं की खोज में गुणात्मक अनुसंधान की भूमिका की अत्यधिक सराहना की जाती है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उल्लेख करते हुए, प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि इसके माध्यम से हम भारत के गौरव को पुन स्थापित कर पायेंगे और इस प्रयास में डिजिटल साक्षरता मिशन की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी। उन्होंने इस मौके पर सभी प्रतिभागियों को इस दिशा में समर्पित होकर अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।
75 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन व ऑफलाइन के माध्यम से लिया भाग Haryana Central University
समापन समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय कुलगीत से हुई और स्वागत भाषण स्कूल ऑफ एजुकेशन की अधिष्ठाता व आजादी का अमृत महोत्सव की नोडल अधिकारी प्रो. सारिका शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला की आयोजन सचिव प्रो. सारिका शर्मा ने सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. टंकेश्वर कुमार का स्वागत किया।
कार्यशाला के समन्वयक प्रो. प्रमोद कुमार द्वारा प्रतिभागियों को संपूर्ण कार्यशाला की समग्र गतिविधि और प्रगति की जानकारी दी गई जिसमें संसाधन व्यक्तियों के प्रदर्शन और गतिविधि को संक्षेप में बताया गया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला 12वें सत्र पर आधारित थी, जिसमें हरियाणा के केंद्रीय विश्वविद्यालय के विभिन्न विषयों के 75 पंजीकृत प्रतिभागियों ने देश भर में ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड के माध्यम से भाग लिया।
कार्यशाला में यह रहे मौजूद Haryana Central University
कार्याशाला में शामिल विशेषज्ञ वक्ताओं में प्रमुख रूप से प्रो. श्रीनिवास राव, जाकिर हुसैन सेंटर फॉर एजुकेशनल स्टडीज, जेएनयू, प्रो. लतिका शर्मा, पंजाब विश्वविद्यालयय प्रो. युक्ति शर्मा, केंद्रीय शिक्षा संस्थान, दिल्ली विश्वविद्यालयय डॉ. एलेक्स अखुप, सेंटर फॉर सोशल जस्टिस एंड गवर्नेंस, स्कूल ऑफ सोशल वर्क, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज मुंबई कैंपस, डॉ. सुरेश बाबू जी.एस., जाकिर हुसैन सेंटर फॉर एजुकेशनल स्टडीज, जेएनयू नई दिल्ली, प्रो. नंदिता सिंह, पंजाब विश्वविद्यालयय डॉ. हबीबुल्लाह शाह, कश्मीर विश्वविद्यालयय प्रो. पंकज अरोड़ा, शिक्षा विभाग (सीआईई), दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो. सी.जे. सोनोवाल, सेंटर फोर फैमिली एंड जनरेशंस, इंटरनेशनल इंस्टीटयूट फोर पापुलेशन साइंसेस, प्रो. डी आर गोयल, बड़ौदा विश्वविद्यालय और प्रो. दिशा नवानी, सेंटर फॉर एजुकेशन, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुम्बई के नाम प्रमुख रहे। कार्यशाला की समन्वयक डॉ. आरती यादव ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यशाला के समन्वयक प्रो. प्रमोद कुमार, डॉ. दिनेश चहल, डॉ. रेणु यादव ने इस कार्यशाला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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