डॉ. रविंद्र मलिक | चंडीगढ़ | हरियाणा में 17 अक्टूबर को नायब सैनी ने नए मुख्यमंत्री के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सीएम पद की शपथ ली और इस दौरान में सीएम के साथ-साथ सभी 14 मंत्रियों ने ली। शपथ ग्रहण समारोह में जिन विधायकों को मंत्री बनाया गया उसको लेकर क्षेत्र और जातीय समीकरण को पूरी तरह से ध्यान में रखा गया और संतुलन बनाए रखने के लिए अलग-अलग क्षेत्र और जाति के विधायकों को मंत्री पद दिया गया है।
हालांकि कुछ चेहरे ऐसे रहे जो लगातार मंत्री पद का दावा कर रहे थे और लाइन में थे लेकिन उनको मायूसी हाथ लगी। चूंकि शपथ ग्रहण समारोह के दौरा पहले अमित शाह शाह सारा जिम्मा संभाल रहे थे तो किसी भी विधायक की नाराजगी की संभावना बेहद कम यानी की ना के बराबर थी। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद पार्टी के कई विधायक जिनको मंत्री पद नहीं मिला वो मायूस नजर आए।
भाजपा को विधानसभा चुनाव में ओबीसी वर्ग का जमकर समर्थन मिला जिसके चलते भाजपा लगातार तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने में सफल रही और चर्चा थी कि दो से तीन विधायकों जो ओबीसी वर्ग से हैं , को जगह दे सकती है। सीएम नायब सैनी के अलावा पूर्व डिप्टी स्पीकर और दोबारा से विधायक बनकर आए रणबीर गंगवा जिन्होंने अबकी बार बरवाला विधानसभा से चुनाव जीता है, को कैबिनेट में जगह दी गई है।
इसलिए लिहाज से पार्टी द्वारा ओबीसी समुदाय से आने वाले दो नेताओं को कैबिनेट में जगह दी है। दो यादव विधायकों को भी पार्टी में मंत्री बनाया अबकी बार अहीरवाल बेल्ट में भाजपा को बड़ी सफलता मिली है और यहां पार्टी 11 में से 10 सीट जीतने में सफल रही इसलिए लिहाज से कई विधायकों को यहां से मंत्री बनाया तय माना जा रहा था लेकिन पार्टी ने यहां से केवल दो विधायकों को मंत्री बनाया है|
इनमें केंद्रीय राज्य मंत्री और छह बार के सांसद राव इंद्रजीत की बेटी को भी कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया है। इनके अलावा राम इंद्रजीत के धुर विरोधी और बादशाहपुर से चुनाव जीतने वाले पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर राव नरवीर सिंह को भी मंत्री बनाया गया है। इनके अलावा तिगांव से विधायक और गुर्जर चेहरे राजेश नगर को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया है।
विधानसभा चुनाव में अबकी बार भाजपा को जाट लैंड में भी बड़ी सफलता मिली है और आधा दर्जन पार्टी के विधायक यहां से जीते। इसलिए लिहाज से पार्टी ने जाटों को साधने और संतुलन बनाए रखने के लिए दो विधायकों जिनमें पूर्व मंत्री महिपाल ढांडा और नवनिर्वाचित विधायक और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को भी जगह दी है।
यह भी बता दें कि भिवानी और आसपास के एरिया में जहां किरण चौधरी का प्रभाव है वहां भाजपा को कई सीटों पर जीत मिली और इसको देखते हुए श्रुति चौधरी का मंत्री बनना तय माना जा रहा था।
अबकी बार विधानसभा चुनाव में भाजपा को आरक्षित वर्ग से ठीक-ठाक वोट पड़ी हो जिसके चलते पार्टी कई सीटों पर विजय प्राप्त करने में सफल रही। पार्टी ने अबकी बार पूर्व राज्य मंत्री और राज्यसभा सांसद रहे कृष्ण लाल पवार जोकि इसराना से चुनाव जीत की है, को कैबिनेट में जगह दी है।
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी रहे और नरवाना से चुनाव जीतने वाले ऐसी समुदाय के नेता और विधायक कृष्ण बेदी को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि लोकसभा चुनाव में आरक्षित वर्ग के लोग भाजपा से खासी नाराज दिखे थे जिसके चलते पार्टी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
हरियाणा में अबकी बार ब्राह्मण समुदाय ने भी भाजपा को तीसरी बार सत्ता की दहलीज तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई है। इसलिए पार्टी ने दो ब्राह्मण चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी है इनमें से एक है पूर्व सांसद और अबकी बार रोहतक लोकसभा से राज्य का सामना करने वाले सीनियर पार्टी लीडर अरविंद शर्मा और दूसरे विधायक हैं गौरव गौतम ।
उम्मीद के विपरीत अबकी बार मूलचंद शर्मा को कैबिनेट मिनिस्टर नहीं बनाया गया, उनकी जगह ब्राह्मण चेहरे गौतम को जगह दी गई है तो वही यह भी बता दें कि अरविंद शर्मा अबकी बार जाट लैंड गोहाना सीट से चुनाव लड़ने में सफल रही, इसलिए इस लिहाज से सोनीपत से भी किसी एक को मंत्री बनाया जाना था और इसके चलते अरविंद शर्मा को कैबिनेट में रखा गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समय कई बड़े पंजाबी चेहरे सरकार का हिस्सा थे और कैबिनेट मिनिस्टर थे लेकिन अबकी बार पार्टी ने मैच एक पंजाबी चेहरे और पूर्व होम मिनिस्टर अनिल विज को मंत्रिमंडल में जगह दी है। हालांकि पिछली बार सरकार में अनिल और मुख्यमंत्री मनोहर लाल व नायब सैनी में अनबन की बातें सामने आई थी।
इसी तरह से पार्टी ने राजपूत चेहरे श्याम सिंह राणा को भी कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया है। इनके अलावा बनिया बिरादरी से विपुल गोयल को कैबिनेट में जगह दी है।
हरियाणा में पिछली बार सरकार में एक ही महिला मंत्री थी और लगातार आवाज उठती रही कि महिला विधायकों को भी कैबिनेट में बराबरी का दर्जा और जगह मिलनी चाहिए। इसी कड़ी में अब भाजपा ने तोशाम से श्रुति चौधरी और अटेली से आरती राव को कैबिनेट मिनिस्टर बनाकर संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है।
भाजपा की पहली सरकार में कविता जैन कैबिनेट मिनिस्टर थी तो दूसरी सरकार में फिर कमलेश झंडा और नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में शपथ लेने वाली कैबिनेट में सीमा त्रिखा को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था।
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