Haryana Assembly Election: हरियाणा भाजपा ने की चुनाव तारीख बदले की मांग

0
84
मोहन लाल बड़ौली
मोहन लाल बड़ौली

चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में छुटटी-बिश्नोई समाज का हवाला
वोटिंग परसेंट गिरने से भाजपा को होता है नुकसान
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों में फेरबदल करने की मांग की है। इसको लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने केंद्रीय चुनाव आयोग को चिट्ठी भेजी है। जिसमें उन्होंने चुनाव की तारीखों में बदलाव के लिए वीकेंड में 4 छुट्टियां और बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम कारण बताया है। वहीं इसके पीछे भाजपा का वोटिंग प्रतिशत गिरने का डर माना जा रहा है। भाजपा का मानना है कि जब-जब वोटिंग प्रतिशत गिरता है तो उन्हें नुकसान होता है। चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा में चुनाव का ऐलान किया था। 1 अक्टूबर को वोटिंग और 4 अक्टूबर को मतगणना होगी।

छुट्टियां होने के चलते लोग घूमने चले जाते हैं

मोहन लाल बड़ौली ने लेटर में लिखा कि चुनाव की तारीखों को बदला जाए, क्योंकि यह छुट्?टी का समय होता है और काफी लोग बाहर चले जाते हैं। 28 तारीख को शनिवार और 29 तारीख को रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है। वहीं 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश है। ऐसे में लोग छुट्टियों पर जा सकते हैं।

बिश्नोई समाज का धार्मिक कार्यक्रम

इसके अलावा बिश्नोई समाज का धार्मिक कार्यक्रम भी है। 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी जो 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी।

वोटिंग पर असर पड़ेगा

बड़ौली ने कहा कि इसका असर वोटिंग पर पड़ेगा। इससे वोटिंग प्रतिशत में गिरावट होगी। चुनाव आयोग की भी प्राथमिकता होती है कि 100 प्रतिशत मतदान हो। इसलिए चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाया जाए ताकि वोटिंग प्रतिशत बढ़ सके।

भाजपा को वोटिंग प्रतिशत घटने से नुकसान

लोकसभा चुनाव में देखा गया है कि भाजपा को वोटिंग प्रतिशत घटने से नुकसान होता है। इस बार लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत घटने से भाजपा को नुकसान हुआ। इस बार 65 फीसदी वोटिंग हुई, यानी 2019 के मुकाबले करीब 5.34 फीसदी कम। इसमें भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले, वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 43.73% रहा। 2019 में हरियाणा में 70.34 फीसदी मतदान हुआ था। जिसमें भाजपा को 58.2 फीसदी वोट हासिल हुए और भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया। कांग्रेस 28.5 फीसदी पर ही आकर सिमट गई। इसी तरह 2014 में जब 71.45 फीसदी मतदान हुआ तो भाजपा को सात सीटें मिलीं और वोट शेयर 34.8 फीसदी रहा।