Election Results 2024 Updates, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी के तीसरी बार सरकार बनाने का दावा सही साबित होता दिख रहा है, वहीं प्रदेश में कांग्रेस के बहुमत के साथ जीत दर्ज करने के एग्जिट पोल्स के दावे भी फुस्स हो गए हैं। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस 60 सीटों का आंकड़ा पार कर चुकी थी और पार्टी कार्यालय में ढोल तक बजने शुरू हो गए थे। हालांकि जैस-जैसे गिनती आगे बढ़ी, कांग्रेस पीछे होती गई। अब बीजेपी 49 सीटों पर आगे है। कांग्रेस 2014 के बाद लगातार तीसरी बार हार रही है।
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किसान-पहलवान आंदोलन के बावजूद बीजेपी को जनादेश
5 अक्टूबर को हरियाणा में मतदान खत्म हुआ और इसके कुछ ही देर बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे सामने आए थे जिसमें कांग्रेस प्रदेश में प्रचंड बहुमत से जीतती दिखाई दी थी। लेकिन हुआ इसके विपरीत। अब बड़ा सवाल यह है कि पंजाब व अन्य राज्यों के किसानों के साथ हरियाणा के पहलवान व अन्य कई वर्ग केंद्र सरकार के साथ ही काफी समय से हरियाणा की बीजेपी सरकार के भी खिलाफ हैं और इसके बावजूद तीसरी बार बीजेपी के हक में जनादेश कैसे मिल गया है।
कांग्रेस की पराजय के कारण
- कांग्रेस की पराजय का सबसे बड़ा कारण पार्टी के अंदर आपसी गुटबाजी माना जा रहा है। हर कोई जानता है कि जब पार्टी में टिकट बंटवारा हुआ था तब कुमारी शैलजा की नाराजगी खुल कर सामने आई थी। आखिर तक वह प्रचार से दूर रहीं।
- कांग्रेस प्रदेश में कई विधानसभा सीटों पर 10 साल की विरोधी लहर यानी एंटी इंकंबेंसी के भरोसे भी नजर आई। साथ ही इस साल हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने हरियाणा में पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी जिससे वह जरूरत से उत्साहित दिख रही थी।
- कांग्रेस के लिए चुनाव के दौरान दूसरी राजनीतिक पार्टियों से आए लोगों को ज्वाइन कराने का मामला भी कुछ सीटों पर नुकसान देने वाला रहा। वहीं कांग्रेस नेता चुनाव-प्रचार के दौरान अपनी ही सीटों तक सीमित रहे।
- लोकसभा चुनाव में आरक्षण और संविधान के मसले पर भाजपा के खिलाफ बिगुल फूंकने वाली कांग्रेस की प्रदेश में पराजय का यह भी कारण रहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के लाभार्थी वर्ग का तोड़ नहीं निकाल सकी।
- किसान व पहलवान का मुद्दा भी कांग्रेस के लिए लाभदायक होता नहीं दिखा। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में भी आरक्षण और संविधान के मुद्दे का दांव खेला, पर यहां भी वह बीजेपी की रणनीति की काट नहीं निकाल सकी।
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