बेनतीजा रही एसवाईएल को लेकर हरियाणा व पंजाब सीएम की बैठक

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Haryana and Punjab CM Meeting

आज समाज, डिजिटल Haryana and Punjab CM Meeting : सतलुज यमुना लिंक नहर के पानी पर चर्चा करने के लिए आज हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री के बीच मुलाकात हुई। लेकिन बैठक में दोनों राज्यों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। यह बैठक हरियाणा निवास में हुई। यह बैठक पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के कहने पर हुई।

भारत की सबसे बड़ी कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मुलाकात कर बातचीत करने और पानी के बंटवारे के इस मुद्दे का एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिये कहा था, जिसके बाद आज दोनों राज्यों के बीच बैठक हुई लेकिन इस बैठक में कोई भी नतीजा नहीं आ सका है।

हरियाणा के लिए एस.वाई.एल. का पानी अत्यंत आवश्यक : खट्टर

बैठक से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने स्पष्ट किया कि एस.वाई.एल. हरियाणावासियों का हक है और उन्हें पूरी आशा है की उन्हें उनका यह हक अवश्य मिलेगा। हरियाणा के लिए एस.वाई.एल. का पानी अत्यंत आवश्यक है। अब इस मामले में एक टाइम लाइन तय होना जरूरी है, ताकि प्रदेश के किसानों को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

पंजाब का तर्क

वहीं पंजाब का कहना है कि रावी और ब्यास नदियों का जलस्तर काफी कम हो गया है और इसलिए पानी की मात्रा के दोबारा से मूल्यांकन की जरूरत है।

कब से चल रहा SYL को लेकर विवाद?

गौरतलब है कि एसवाईएल को लेकर विवाद तब से चल रहा है जब से हरियाणा राज्य की स्थापना हुई है। 1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होने साथ ही साथ पंजाब को नदियों का पानी साझा करने की जरूरत हुई। लेकिन, पंजाब ने रावी और ब्यास नदियों का पानी हरियाणा से बांटने के विरोध किया।

जानकारी के मुताबिक हरियाणा के गठन से एक दशक पहले रावी और ब्यास में बहने वाले पानी का आकलन 15.85 मिलियन एकड़ फीट किया गया। इससे पहले केंद्र सरकार ने 1955 में राजस्थान, अविभाजित पंजाब और जम्मू कश्मीर के बीच एक बैठक आयोजित कराई। ये नदियां इन्हीं तीनों राज्यों से गुजरती थीं। तब राजस्थान को आठ MAF, अविभाजित पंजाब को 7.20 MAF और जम्मू कश्मीर को 0.65 MAF पानी आवंटित किया गया।

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