भारत में इस समय वर्षा ऋतु होने के कारण, प्रकृति चारों तरफ हरियाली की चादर सी बिछा देती है, तो प्रकृति की इस छटा को देखकर मन पुलकित होकर नाच उठता है। हरियाली तीज पर विवाहित महिलाएं नए कपड़े, गहने पहन कर अपने मायके जातीं हैं। महिलाएं पारंपरिक परिधान और पूर्ण श्रृंगार धारण किए समूह में लोक गीतों को गा-गाकर झूले का आनंद लेतीं हैं। तीज के अवसर पर देश भर में कई जगह मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी धूमधाम से निकाली जाती है। सुहागन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज पर्व बहुत मायने रखता है। क्योंकि सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
सुहाग के लिए मनाया जाता है पर्व
हरियाली तीज या श्रावणी तीज, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को कहते हैं। शुष्क और गर्म गर्मी के अंत के बाद, हरियाली तीज पृथ्वी के नए और मोहक दिखने का उत्सव है। तीज महोत्सव पर विवाहित महिलाएं अपने माता-पिता की जगह पर जाती हैं नए कपड़े पहनती हैं और एक नई दुल्हन की तरह तैयार हो जाती हैं। कुछ स्थानों पर महिलाओं को झूलों और सुंदर मौसम का आनंद मिलता भी है।
हरियाली तीज की तिथि व मुहूर्त
3 अगस्त, 2019, वार- शनिवार
तृतीया तिथि प्रारंभ : 01:36 बजे (3 अगस्त 2019)
तृतीया तिथि समाप्त : 22:05 बजे (3 अगस्त 2019)
पूजा विधि
महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। मान्यता के अनुसार यह त्योहार तीन दिन का होता है, लेकिन आजकल इसे एक ही दिन मनाया जाने लगा है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस मौके पर विवाहित महिलाएं नए वस्त्र पहनती हैं और हाथों में मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाती हैं। इस मौके पर मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। शिव पुराण के अनुसार हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था इसलिए सुहागन स्त्रियों के लिए इस व्रत की बड़ी महिमा है। इस दिन महिलाएं महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। हरियाली तीज पर साफ-सफाई कर घर को तोरण-मंडप से सजायें। एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमा बनायें। मिट्टी की प्रतिमा बनाने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें। हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता है। इस दौरान महिलाएं जागरण और कीर्तन भी करती हैं।
इस दिन तीन बातों को त्यागने की परंपरा
हरियाली तीज पर हर महिला को तीन बुराइयों को छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। ये तीन बातें इस प्रकार है…
1. पति से छल-कपट
2. झूठ व दुर्व्यवहार करना
3. परनिंदा (दूसरो की बुराई करने से बचना)
पौराणिक महत्व
हिंदू धर्म में हर व्रत, पर्व और त्यौहार का पौराणिक महत्व होता है और उससे जुड़ी कोई रोचक कहानी व कथा होती है। हरियाली तीज उत्सव को भी भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस कड़ी तपस्या और 108वें जन्म के बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। कहा जाता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही भगवान शंकर ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से ऐसी मान्यता है कि, भगवान शिव और माता पार्वती ने इस दिन को सुहागन स्त्रियों के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दिया। इसलिए हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन और व्रत करने से विवाहित स्त्री सौभाग्यवती रहती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
व्रत से जुड़ी जरूरी बातें
हरियाली तीज का व्रत निर्जल रखा जाता है। ऐसे में सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। इसलिए जरूरी है कि जब आप इतने लंबे समय तक निर्जल रहने के बाद कुछ खास बातों का ध्यान रखना होता है। ऐसा करने से आप स्वास्थ का भी ख्याल रख सकते हैं। इसलिए कुछ भी खाने से पहले एक गिलास पानी पी लें। ध्यान रखें कि निर्जल व्रत के तुरंत बाद हेवी भोजन न करें। घंटों तक खाली पेट रहने के बाद एकदम से पेट भरकर खाना पाचन से जुड़ी समस्या दे सकता है। कुछ हेवी खाने से पहले कुछ तरल लें। आप चाहें तो नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी या कोई फू्रट जूस ले सकते हैं। लंबे समय तक निर्जल रहने के बाद पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। कोशिश करें कि आप अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करें। निर्जल व्रत के बाद दही खाना अच्छा विकल्प है। आप अपने आहार में फू्रट चाट शामिल करें।
राशि अनुसार करें ये उपाय, जल्द बनेगा शादी का संयोग
वास्तव में तीज का संबंध शीघ्र विवाह से ही है। जिन लोगों की शादी नहीं हुई है या जिनकी शादी में कोई अड़चन आ रही है, तो हम आपको बता रहे हैं कुछ उपाय जिन्हें करने से आपकी शादी का संयोग जल्द से जल्द बन जाएगा।
मेष- तीज के दिन रेशमी वस्त्र शिव जी को अर्पित करें। साथ ही शिव जी को पंचामृत अर्पित करें।
वृषभ- शिव जी और पार्वती को गुलाब के पुष्प अर्पित करें। शिव जी को सुगंध अर्पित करें।
मिथुन- तीज के दिन मां पार्वती को हल्दी और शिव जी को सफेद चंदन अर्पित करें। हरे वस्त्र धारण करें।
कर्क- शिव जी का श्रृंगार करें और साथ ही नम: शिवाय का जाप करें।
सिंह- शिव पार्वती को पीले फूल की माला अर्पित करें और रुद्राष्टकम का पाठ करें।
कन्या- शिव जी को बेल पत्र अर्पित करें। मेहंदी जरूर लगाएं।
तुला- शिव जी को पंचामृत अर्पित करें। श्रृंगार की वस्तुओं का दान करें।
वृश्चिक- इस दिन शिव जी को दूर्वा अर्पित करें। पीले वस्त्र धारण करें।
धनु- शिव पार्वती को एक साथ सुगन्धित पुष्प अर्पित करें और लाल वस्त्र धारण करें।
मकर- शिव जी के मंदिर में घी का दीपक जलाएं। सफेद चंदन शिवलिंग पर अर्पित करें।
कुंभ- शिव जी को सफेद पुष्प अर्पित करें। गुलाबी वस्त्र धारण कर पूजा करें।
मीन- शिव और पार्वती को पीले वस्त्र अर्पित करें। साथ ही श्रृंगार का सामान भेंट करें।
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