तीज महोत्सव पर महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने तीज महोत्सव को और खास बनाते हुए महिलाओं को बड़ी सौगात देते हुए महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को बेचने के लिए साझा बाजार की कल्पना पर सभी जिला केंद्रों पर 50 से 100 पोटा केबिन स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जो स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद बनाते हैं, वे अपने उत्पाद बेचने के लिए इन पोटा केबिन को प्रतिदिन के हिसाब से बुक करवा सकते हैं। मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना व अन्य योजनाओं में 31,000 रुपये से लेकर 71,000 रुपये तक राशि दी जाती है। आज इस न्यूनतम 31,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 41,000 रुपये करने की घोषणा करता हूं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बेटियों के लिए एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में सरकारी व निजी पॉलिटेक्निक कॉलेज चल रहे हैं, जिनमें डिप्लोमा के कोर्स करवाये जाते हैं, उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर या बिल्डिंग्स ऐसी हैं, जहाँ उनको पर्याप्त एडमिशन नहीं मिल रहा है। ऐसे कॉलेज, जिनके पास इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है, अगर वे डिग्री कॉलेज की मांग करेंगे, तो मांग के आधार पर महिलाओं की डिग्री कॉलेज की मंजूरी दी जाएगी।
हरियाणा के नाम से बेटियों को मारने वाला प्रदेश का कलंक मिटाया
मनोहर लाल ने कहा कि आज जिस मैदान पर यह महोत्सव हो रहा है, यह वही मैदान है, जिस पर 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सब में अलख जगाकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संकल्प दिया था। इसी संकल्प पर कार्य करते हुए प्रदेश सरकार ने सामाजिक सहयोग से हरियाणा पर बेटियों को मारने वाला प्रदेश के नाम से लगे कलंक को मिटाने का काम किया है और उस समय प्रदेश में लिंगानुपात 871 होता था वह आज बढ़कर 927 हो गया है।
प्रदेश में 57,376 स्वयं सहायता समूह बने
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की प्रगति बहुत प्रदेशों से काफी अच्छी है। प्रदेश में 57,376 स्वयं सहायता समूह बन चुके हैं। इन्हें 54 करोड़ 57 लाख रुपये रिवोलविंग फण्ड, लगभग 285 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश फण्ड और लगभग 880 करोड़ रुपये बैंक क्रेडिट लिंकेज प्रदान किया गया है। इतना ही नहीं, हमने रिवोल्विंग फंड की राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये की है। महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक ऋण लेने पर स्टाम्प शुल्क से छूट भी दी गई है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में हर घर तिरंगा अभियान के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गये तिरंगे ने भारत का गौरव बढ़ाया है। कोरोना काल में आपने मास्क बनाकर इस बीमारी से लडऩे में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
महिला सशक्तिकरण पर दिया विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विशेष ध्यान दिया है। हमने पंचायतों में 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व महिलाओं के लिए तय कर दिया है। इसके अलावा, लगभग 9 वर्षों में बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी ठोस प्रयास किये हैं। बेटियों को घर के नजदीक ही उच्चतर शिक्षा प्रदान करने के लिए हर 20 किलोमीटर के दायरे में कॉलेज खोले गए हैं। प्रदेश में कुल 76 नये राजकीय कॉलेज खोले गए, जिनमें आधे से अधिक 31 लड़कियों के हैं। उन्होंने कहा कि तीज त्यौहार समाज की खुशहाली के साथ-साथ हरियाली का प्रतीक होते हैं, इसलिए हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि प्रकृति की रक्षा के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएंगे।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर करनाल लोकसभा सांसद संजय भाटिया, राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार, महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष सुनीता डांगी, शहरी विधायक प्रमोद विज, मेयर अवनीत कौर, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. अर्चनाा गुप्ता, जिला परिषद की अध्यक्ष ज्योति शर्मा, उपायुक्त वीरेन्द्र कुमार दहिया, एसपी अजीत सिंह शेखावत, अतिरिक्त उपायुक्त वीना हुड्डा, सीईओ जिला परिषद विवेक चौधरी, एसडीएम वीरेन्द्र ढुल, समालखा एसडीएम अमित कुमार सहित प्रदेश के कोने-कोने से आई बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।