नई दिल्ली। बंगाल के क्रिकेटर मनोज तिवारी भले ही रणजी ट्रॉफी के मैच में तिहरा शतक लगाकर सबकी चर्चा बटोर रहे हैं लेकिन वह आईपीएल में हुए अपमान को भूले नहीं हैं। मनोज ने तिहरा शतक लगाने के बाद कहा कि रन बनाने के बावजूद किसी टीम का बोली न लगाना बुरा था। मेरे लिए आईपीएल से हुआ अपमान सहना मुश्किल है। पर यही असलियत है। मुझे बुरा लगता है जब मैं घर बैठा टीवी पर बहुत सारे यंगस्टर को खेलते हुए देखता हूं।
मनोज ने कहा कि आईपीएल की फ्रेंचाइजी मैनेजमैंट कुछ अलग करने की जुगत में यह सब कर रही है। मनोज ने इस दौरान फ्रेंचाइजी से उम्र की बजाय किसी क्रिकेटर की निरंतन परफार्मेंस और क्वालिटी पर ध्यान देने पर भी जोर दिया। मनोज ने कहा कि इस वक्त टीम इंडिया पूरी शेप में है। वहां जाना मुश्किल है। लेकिन हमें पता होना चाहिए कि दुनिया में हर चीज संभव है।
34 साल के मनोज ने 303 रन की अपनी नाबाद पारी पर कहा कि आत्मविश्वास ही मेरी ताकत है। मुझे हमेशा उम्मीद बनाए रखना है। उम्र मेरे लिए सिर्फ एक संख्या है। चयनकर्ता अक्सर बल्लेबाजी की गुणवत्ता देखने के बजाय व्यक्तिगत प्रतिभा के लिए जाते हैं। भारत के टेस्ट बल्लेबाज हनुमा विहारी (23) भी वहां नाकाम रहे। अगर यह उनके लिए मुश्किल है तो हमारे लिए अपने आप ज्यादा मुश्किल है। यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है।
मनोज बोले- मेरी वापसी के बारे में कहना मुश्किल है। मैं खुद का चयन नहीं कर सकता। लेकिन किसी के लिए 8000-प्लस रन (8752) के साथ 50 से अधिक औसत (प्रथम श्रेणी क्रिकेट में) हो तो आपको निरंतरता, नॉक की गुणवत्ता देखनी चाहिए। तिवारी अब देवांग गांधी के बाद बंगाल के लिए फर्स्ट क्लास में तिहरा शतक लगाने वाले मात्र दूसरे बल्लेबाज हैं। मनोज ने 30 चौके और पांच छक्कों की मदद से यह पारी खेली।