(Hapur News) हापुड़। जनपद के खिचरा गांव स्थित इस्लामिया अरबिया मदरसातुल खुदा मदरसे में शनिवार को जिला क्षय रोग विभाग की ओर से टीबी स्क्रीनिंग की गई। मोहम्मद मुस्तकीम की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) संगीता ने टीबी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मदरसे के स्टाफ और बच्चों को बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार, खांसी के साथ बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, वजन कम होना, थकान रहना या सीने में दर्द रहना, यह सब टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से एक भी लक्षण नजर आने पर टीबी की जांच कराना जरूरी है। टीबी की जांच और उपचार सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है। इस मौके पर मदरसा चेयरमैन हाजी अनवर, प्रिंसीपल नूर मोहम्मद, शिक्षकों में अब्दुल कलीम और मोहम्मद महताब के अलावा स्टाफ नूरेन अली, जुबैदा, शादिया और स्वीटी मौजूद रहीं।
शिक्षकों व बच्चों को दी गई टीबी के बारे में जानकारी
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ज्योति चौहान और आशा सितारा ने टीबी स्क्रीनिंग के दौरान एसटीएस संगीता का सहयोग किया। टीबी से मिलते जुलते लक्षण पाए जाने पर जांच के लिए कुल 10 स्पुटम (बलगम का नमूना) लिए गए। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया कि आवासीय परिसरों में टीबी स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में जिला क्षय रोग विभाग की टीम ने शनिवार को खिचरा स्थित मदरसे में जाकर टीबी स्क्रीनिंग की। स्क्रीनिंग के दौरान 10 स्पुटम लिए गए हैं, इनकी जांच की जाएगी। इसके साथ ही मदरसे के स्टाफ और बच्चों को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और उपचार की निशुल्क सुविधा उपलब्ध है। नियमित उपचार से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। उपचार के दौरान क्षय रोगी के बैंक खाते में हर माह पांच सौ रुपए की राशि दी जाती है। निक्षय पोषण योजना के तहत यह राशि रोगी को पौष्टिक आहार के लिए उपलब्ध कराई जाती है।