Hanuman Dandasana : इस आसान को करने से होंगे आपके कंधे चौड़े और मजबूत

0
195
Hanuman Danda

Hanuman Dandasana: लाइफस्टाइल जिम्मेदार होता है। ऑफिस से लेकर घर की टेंशन में सब लोग इतने व्यस्त रहते हैं कि समय पर बीमारियों का पता लगना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हम स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज और योगासनों का अभ्यास करें। हनुमान दंड उन योगासनों में से है जिसे करने के एक नहीं कई फायदे हैं। यह आसन न सिर्फ आपके बल को बढ़ाता है, बल्कि बुद्धि और शक्ति को भी बढ़ाने का काम करता है।

आप इस आसन को आसानी से घर पर कर सकते हैं। इससे तेजी से वजन कम होता है, कैलोरी बर्न होती है और यह आपकी मांसपेशियों को भी ताकत देता है। हनुमान दंड, जिसे पुश-अप्स का एक प्रकार माना जाता है, शरीर को मजबूत बनाने और बुद्धि को तेज करने के लिए एक प्रभावी व्यायाम है। इसे नियमित रूप से करने से निम्न फायदे होते हैं:

हनुमान दंड करने के फायदे:

1. शारीरिक शक्ति में वृद्धि

– हनुमान दंड करने से खासकर छाती, कंधे, और हाथों की मांसपेशियों में ताकत बढ़ती है।

– यह व्यायाम शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाता है और सहनशक्ति को बढ़ाता है।

2. लचीलापन और संतुलन

– हनुमान दंड करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता है और संतुलन में सुधार होता है।

– यह व्यायाम शरीर के विभिन्न हिस्सों को एक साथ काम करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे शारीरिक संतुलन में सुधार होता है।

3. मानसिक स्वास्थ्य

– नियमित व्यायाम से मानसिक तनाव कम होता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है।

– हनुमान दंड करने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार होता है, जिससे बुद्धि तेज होती है।

4. हृदय स्वास्थ्य

– यह व्यायाम हृदय की धड़कन को संतुलित रखता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।

– नियमित हनुमान दंड करने से रक्त संचार में सुधार होता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

5. वजन नियंत्रण

– हनुमान दंड करने से कैलोरी बर्न होती है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है।

– यह व्यायाम मेटाबॉलिज्म या चयापचय को बढ़ाता है, जिससे शरीर में वसा कम होती है।

कैसे करें हनुमान दंड

– जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और हाथों को कंधों के नीचे रखें।

– पैरों को सीधा रखें और पंजों को जमीन पर टिकाएं।

– हाथों की मदद से शरीर और छाती को जमीन से ऊपर उठाएं।

– शरीर को सीधा रखें और पेट को अंदर की ओर खींचें।

– धीरे-धीरे शरीर को वापस जमीन पर लाएं और प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।

– इस प्रक्रिया को दोहराएं।