हथकरघा से आत्मनिर्भर प्रदर्शनी का उद्घाटन
आज समाज डिजिटल, शिमला:
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा है कि हथकरघा उद्योग क्षेत्र ग्रामीण आबादी को आजीविका के अवसर प्रदान करने और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुधवार को यहां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर युवा जागृति संगठन द्वारा नाबार्ड के सौजन्य से आयोजित हथकरघा से आत्मनिर्भर प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद यह बात कही।
बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश में 89 फीसदी बुनकर इस क्षेत्र में अंशकालिक रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हथकरघा क्षेत्र में लगे 13572 परिवारों में से 13260 हथकरघा ग्रामीण क्षेत्र से हंै, जिनमें अधिकांश कारीगर महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय में हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहन प्रदान करने तथा समृद्ध विरासत को बनाए रखने और इनकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए नाबार्ड व अन्य संस्थानों को आगे आना होगा।
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बुनकर संस्थानों को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। पारम्परिक बुनाई के डिजाइनों को संरक्षित करने के साथ-साथ हथकरघा बुनकरों के लिए नवीनतम विपणन और उपभोक्ता प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में नाबार्ड ने देश में लगभग 5 हजार कारीगरों को शामिल करते हुए 40 आॅफ फार्म उत्पादक संगठनों को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान की है। हिमाचल प्रदेश में नाबार्ड लगभग 1300 कारीगरों को शामिल करते हुए मंडी और किन्नौर जिलों में हथकरघा गतिविधियों में 2 आॅफ फार्म उत्पादक संगठनों को गठित करने की प्रक्रिया में है। बिक्रम सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में नाबार्ड ने ग्रामीण हाट, ग्रामीण मार्ट जैसी विपणन पहलों को भी बढ़ाया है, जिससे इस क्षेत्र में लोगों को लाभ मिला है।
नाबार्ड के मुख्य महा प्रबंधक दिनेश रैना ने अपने स्वागत संबोधन में बताया कि नाबार्ड का उद्देश्य अंतिम पंक्ति में कार्य करने वाले व्यक्ति के विकास के प्रति सतत रूप से कार्य करना है। उन्होंने कहा कि गांव बढ़े तो देश बढ़े के उद्देश्य की पूर्ति के लिए नाबार्ड द्वारा सघनता से कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश में 102 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन कर ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास में नाबार्ड द्वारा योगदान प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में हिमाचल प्रदेश के लगभग 12 स्वयं सहायता समूह तथा हथकरघा कारीगर भाग ले रहे हैं, जिसमें चम्बा, कुल्लू, मंडी व शिमला के बुनकर शामिल हैं।
इस अवसर पर नगर निगम शिमला महापौर सत्या कौंडल, युवा जागृति संगठन के निदेशक सुशील शर्मा, परियोजना निदेशक ललित ठाकुर, उपमहा प्रबंधक आरबीआई पितांबर अग्रवाल, राज्य स्तरीय बैंकर समिति यूको बैंक के उप महा प्रबंधक पीके शर्मा, पंजाब नेशनल बैंक के महाप्रबंधक प्रमोद दुबे, कॉपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक श्रवण कुमार मांटा, सहायक महा प्रबंधक अनिल गर्ग, हिमाचल प्रदेश हस्तशिल्प व हथकरघा निगम के महाप्रबंधक योगेश गुप्ता तथा सहायक महा प्रबंधक नाबार्ड संजीव शर्मा भी उपस्थित थे।