H3N2 influenza Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में भी पहुंचा एच3एन2 इन्फ्लूएंजा, 26 वर्षीय युवक संक्रमित

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H3N2 influenza Madhya Pradesh

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (H3N2 influenza Madhya Pradesh): मध्यप्रदेश में भी एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस ने दस्तक दे दी है। राजधानी भोपाल के बैरागढ़ में युवक एच3एन2 संक्रमित मिला है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में इस वायरस का यह पहला मामला है और पीड़ित युवक की उम्र 26 वर्ष है। उसे सर्दी, खांसी के साथ बुखार है। देश में इन्फ्लूएंजा के सबवैरिएंट एच3एन2 वायरस के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।

  • प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने के लिए स्वस्थ जीवन शैली पर जोर

महाराष्ट्र में संक्रमण से 73 वर्षीय व्यक्ति की मौत

महाराष्ट्र के पुणे में एच3एन2 संक्रमण से एक 73 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है। पिपरी-चिचवाड़ नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि मरीज को सात मार्च से निकाय द्वारा संचालित अस्पताल में भर्ती था। बुजुर्ग व्यक्ति को एच3एन2 वायरस के साथ अन्य बीमारियां भी थीं।

कोविड नियमों का पालन ही बचाव का उपाय : स्वास्थ्य विशेज्ञ

स्वास्थ्य विशेषज्ञों कहना है कि एच3एन2 वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने कहा, एच3एन2 इन्फ्लूएंजा एक श्वसन वायरस है जो कोविड की तरह ही फैलता है, इसलिए कोविड नियमों का पालन करते हुए इससे बचा जा सकता है। चिंता करने की बात नहीं है लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए।

कोविड जैसे लक्षण पर एच3एन2 लंबे समय तक रहता है

दिल्ली के अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर अनुपम सिब्बल ने कहा, वायरस समय-समय पर बदलता रहता है। इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण कोविड के बाद दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इसके लक्षण लगभग समान हैं। कोविड के मरीजों की तरह एच3एन2 से पीड़ित रोगियों में को खांसी, जुकाम और बुखार है, लेकिन एच3एन2 वायरस में देखा गया है कि मरीजों में ये लक्षण लंबे समय तक रहता है। यही वजह है कि यह तेजी से फैल भी रहा है।

खान-पान और व्यायाम के रूटीन की कमी

अपोलो अस्पताल के न्यूरोलाजिस्ट डाक्टर आदित्य भाटी ने प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ जीवन शैली पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बहुत तनाव के चलते लोगों के दिमाग पर ऐसे वायरस का प्रभाव हो रहा है। भागदौड़ भरी इस जिंदगी में समय प्रबंधन और स्वस्थ जीवन शैली की कमी है। खान-पान और व्यायाम के कोई रूटीन नहीं है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित करता है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए हर चीज में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है ताकि हम शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रह सकें।

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