(Gurugram News) नई दिल्ली। केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान समय में शासन-प्रशासन के सामने आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए नए युवा पेशेवरों का विजन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए युवा पेशेवरों के ज्ञान का उपयोग कर शासन को आधुनिक जरूरतों के अनुसार चलाया जाना अति आवश्यक है। यह बात उन्होंने नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में शनिवार देर शाम हरियाणा में सुशासन सहयोगी कार्यक्रम (सीएमजीजीए) के 8 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि साल 2035 तक देश में बिजली की वर्तमान मांग दोगुनी हो जाएगी और हाउसिंग में 130 करोड जनता को मकान उपलब्ध करवाने होंगें। इन बडे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए युवा पेशेवरों के विशेष सहयोग की आवश्यकता रहेगी, ताकि हम देशभर में नए आयामों को छू सकें। मनोहर लाल ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि-जब मैंने हरियाणा में मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की बागडौर संभाली तो मुझे कोई अनुभव नहीं था। मैं पहली बार विधायक भी बना था। इस संबंध में जब मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की कि मुझे इस संबंध में कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आप विधायक तो हैं, लेकिन जब मैं मुख्यमंत्री बना था तो मैं विधायक भी नहीं था।
जब आप कार्य करेंगें तो सीखते जाएंगें अर्थात सीखने व सिखाने का क्रम चलता रहता हैै। मनोहर लाल ने रोहतक में साल 1996 में आई बाढ के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि मैं हरियाणा में किसी भी ब्यूरोक्रेट को जानता नहीं था। केवल वर्तमान में चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद को जानता था। वे उस समय रोहतक में उपायुक्त थे। लेकिन मेरे मन में था कि बाढ़ में लोगों की सेवा करनी है तो उस सेवा भाव के साथ मैंने रोहतक में बाढ़ के दौरान प्रशासन के साथ मिलकर कार्य किया और सीखा। ऐसे ही उन्होंने बताया कि जब विधानसभा का सत्र लगता है तो भी काफी कुछ सीखने और समझने को मिलता है और कुछ वर्तमान स्थितियां सीखा देती हैं, बस आपमें कुछ करने की ललक होनी चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने हरियाणा में मुख्यमंत्री के तौर पर बागडौर संभाली तो हरियाणा को पोलिसी पैरालीसस का नाम दिया जाता था। सरकारी सिस्टम में नियम-कायदे नहीं चलते थे। हमने इस सिस्टम को ठीक करने के लिए नियम-कायदे से संचालित करने के लिए व्यवस्था बनाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने कहा कि सीएमजीजीए कार्यक्रम के एक्स-सीएमजीजीए वह स्वयं हैं और हमें सीएमजीजीए कार्यक्रम पर गर्व है। उन्होंने कहा कि अच्छा आदमी होने के नाते अच्छा नेता भी कहलाने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं भी लीक से हटकर काम करने का आदी हूं। कठोर निर्णय लेकर हमने कार्य किए हैं, उनमें चाहे नई व्यवस्थाएं खड़ी करने की बात हो, देश व समाज की सेवा करने की बात हो।
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