(Gurugram News) गुरुग्राम। अमर शहीद संदीप कुमार धनखड़ की 19वीं पुण्यतिथि पर उनके पैतृक गांव में ग्रामीणों व मानेसर थाना पुलिस स्टाफ ने गांव ढाणा के शहीद पार्क में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उनके बुजुर्ग पिता बीमारी के हालात में भी अपने पुत्र शहीद संदीप कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे।
बीमारी की वजह से वह बोलने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन जैसे ही वे शहीद पार्क में पहुंचे अपने पुत्र की प्रतिमा देखते ही उनकी आंखें नम हो गई। इस मौके पर ग्रामीणों ने उनसे श्रद्धांजलि अर्पित करवाई। इस मौके पर अमर शहीद संदीप कुमार कमेटी के प्रधान समुन्दर धनखड़ ने बताया कि हर वर्ष अमर शहीद सन्दीप कुमार की पुण्यतिथि पर शहीद परिवारों को सम्मानित किया जाता है।
इस बार संदीप के पिता अवतार सिंह की तबियत खराब होने की वजह से गांव के ही लोगों ने मिलकर शहीद सन्दीप कुमार पुण्यतिथि मनायी है। इस मौके पर मानेसर थाना पुलिस व महिला थाना प्रभारी ने पहुंचकर गार्ड आॅफ आॅनर दिया। मौके पर शहीद संदीप कुमार राजकीय विद्यालय के हेड मास्टर राजेश कुमार, मास्टर, सुनील कुमार, हेमलता, शीतल, मारुति कंपनी से अमरजीत यादव, भुपेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार, मनोज कुमार, गांव ढाणा से पूर्व प्रधान सावंत सिंह, कैप्टन प्रेम पाल, महेश सरपंच, सत्यदेव सरपंच, विजेन्द्र धनखड़ फौजी समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
अमर शहीद संदीप कुमार 8 फरवरी 1981 को पिता अवतार सिंह माता बिमला देवी दादा करतार सिंह गांव ढाणा के घर जन्म लिया। इसके बाद संदीप ने अपनी 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई हाई स्कूल कासन से की। 15 मार्च 2001 को गार्ड रेजीमेन्ट कामटी (महाराष्ट्र) में भर्ती हुआ। 3 अगस्त 2005 को जवान संदीप कुमार 21 राष्ट्रीय राईफल में तैनात थे। उस समय यह यूनिट कुपवाड़ा कश्मीर में तैनात थी। यूनिट को रात करीब 1 बजे सूचना मिली की कुछ पाकिस्तानी आतंकवादी नजदीक जंगलों में छिपे हुए हैं। इस यूनिट ने जंगलो में उग्रवादियों कि घेराबंदी शुरू कर दी। तभी आतंकवादियो ने फायरिंग शुरू कर दी। इस पर यूनिट ने जवाबी फायरिंग शुरू की।
करीब 5-6 घंटे दोनों तरफ से गोलाबारी होती रही। संदीप कुमार के साथी को गोली लगी। अपने साथी को घायल होते देख वह पूरे जोश में आकर आतंकियों पर टूट पड़े और दो उग्रवादियों को मार गिराया। तभी छिपे एक आतंकी ने संदीप पर गोली चलाई, जो उनके सीने में लगी। इसकी परवाह ना करते हुए संदीप ने छिपे आतंकी को ढेर कर दिया। बुरी तरह से घायल संदीप कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए। 26 जनवरी 2006 को शहीद संदीप कुमार की पत्नी कुसुमलता को तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा सेना मेडल से नवाजा गया।