(Gurugram News) गुरुग्राम। बोहड़ाकलां गांव स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में ब्रह्माकुमारीज के आध्यात्मिक अनुसंधान प्रभाग (स्पार्क) द्वारा चार दिवसीय योग तपस्या भट्टी का शुभारम्भ हुआ। व्यक्त से अव्यक्त विषय पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर की भट्टी में संस्था के सेंकड़ों सदस्य शामिल हुए।
ब्रह्माकुमारीज के आध्यात्मिक अनुसंधान प्रभाग (स्पार्क) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर योग तपस्या भट्टी का शुभारम्भ
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राजयोगिनी पुष्पा दीदी ने कहा कि जीवन को रूपांतरित करने एकमात्र साधन योग है। आध्यात्मिकता हमारे आत्मिक गुणों को जागृत करती है। उन्होंने कहा कि संस्था के संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने आत्मिक स्मृति का बहुत अभ्यास किया। बाबा सभी को निरंतर आत्मा के स्वरूप में देखते थे। ब्रह्मा बाबा ने इसी अभ्यास के द्वारा स्वयं को आध्यात्मिक शक्तियों एवं गुणों से सम्पन्न बनाया।
उन्होंने कहा कि जितना हम व्यक्त भाव से अव्यक्त भाव में स्थित होते हैं, उतना ही हम अलौकिक अनुभव करते हैं। राजयोगिनी विजय दीदी ने कहा कि ज्ञान को स्वयं के जीवन में धारण करना बहुत जरूरी है। क्योंकि दूसरों पर हमारे उच्चारण से ज्यादा आचरण का प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि स्पार्क विंग का लक्ष्य ही स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन करना है।
संस्था के मुख्यालय माउंट आबू से स्पार्क विंग के राष्ट्रीय संयोजक बीके श्रीकांत ने स्पार्क विंग के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि स्पार्क विंग आध्यात्म और विज्ञान को एक साथ लाने का बहुत सुंदर प्रयास कर रहा है। भौतिक जगत दृश्यमान होने के कारण उसे हम महसूस कर सकते हैं। लेकिन आध्यात्मिक जगत का अनुभव हम अपने भीतर की यात्रा से ही कर सकते हैं।
कार्यक्रम में दिल्ली से राजयोगिनी सरोज दीदी, भिवाड़ी, सिटी नर्सिंग होम के निदेशक डॉ. रूप सिंह एवं बीके एकता ने भी अपने विचार रखे। चार दिवसीय योग तपस्या भट्टी में आध्यात्मिकता के गुह्य रहस्यों पर चर्चा के साथ-साथ योग की गहन अनुभूति करना है। ओआरसी, स्पार्क विंग की संयोजिका बीके येशु ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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