Gurugram News : कौशल विकास के जरिये वंचित वर्ग को बनाया जाएगा सशक्त: रामदास आठवले

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Deprived class will be empowered through skill development: Ramdas Athawale
गुरुग्राम में आॅटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) के वार्षिक सम्मेलन में युवाओं को गुरुग्राम में आॅटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) के वार्षिक सम्मेलन में युवाओं को सम्मानित करते केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले।
  • केंद्रीय राज्य मंत्री ने ऑटोमेटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल में कही यह बात

(Gurugram News) गुरुग्राम। ऑटोमेटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) के वार्षिक सम्मेलन में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि सरकार कौशल विकास के जरिये समाज के वंचित वर्ग को सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत है। यह बात उन्होंने सोमवार को ऑटोमेटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

सहयोग, सशक्त, गतिशील और सफल थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के दिग्गज लीडर्स, नीति निमार्ता, कौशलाचार्य, प्रशिक्षक आदि भी उपस्थित थे। रामदास आठवले ने कहा कि ऑटोमेटिव क्षेत्र भारत के युवाओं के लिए कई अवसर प्रदान करता है, और एएसडीसी के कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं। यह आवश्यक है कि हम युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें प्रमाणित करने पर ध्यान केंद्रित करें, जिससे वे सफल हो। एएसडीसी के प्रेसिडेंट एफ.आर. सिंघवी ने आॅटोमोटिव उद्योग की चुनौतियों का समाधान करने में कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ऑटोमेटिव क्षेत्र विकसित होता है, कुशल पेशेवरों की आवश्यकता बढ़ते जाती है।

भारतीय ऑटोमेटिव क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। 

कौशल और ज्ञान से युवाओं को सशक्त बनाकर इंडस्ट्री की प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है। एएसडीसी के वाइस प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने अपने भाषण में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय ऑटोमेटिव क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। जिसकी वजह से कुशल कार्यबल की आवश्यकता बढ़ रही है। यहीं से स्किल ट्रेनिंग और एएसडीसी की भूमिका सर्वोपरि हो जाती है। हमारे ऑटोमेटिव उद्योग का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम व्यक्तियों और संस्थाओं दोनों को सशक्त बनाने के लिए मिलकर कितने अच्छे तरीके से काम करते हैं। सहयोग के माध्यम से, हम कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारत वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बना रहे।

कॉन्क्लेव में सीएसआर सहयोग के जरिये कौशल विकास पर पैनल चचार्एं भी हुईं, जिसमें बजाज, टोयोटा और हीरो मोटोकॉर्प जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कौशल विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, बजाज ने स्नातकों और डिप्लोमा धारकों के लिए रोबोटिक्स और ऑटोमेशन पर ध्यान केंद्रित करते हुए बजाज एक्सीलेंस इन स्किल ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया। एएसडीसी को इस कार्यक्रम के लिए असेसमेंट और सर्टिफिकेशन पार्टनर बनाया गया है। जिससे युवाओं को इंडस्ट्री आधारित ट्रेनिंग के साथ उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे।