(Gurugram News) गुरुग्राम। इस्कॉन (अंतराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) मंदिर सेक्टर-45 की ओर से आगामी 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी। कई तरह के धार्मिक, सामाजिक व भक्तिमय कार्यक्रम रथ यात्रा में होंगे। इस यात्रा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष एमएस बिट्टा मुख्य अतिथि होंगे। यह जानकारी शुक्रवार को इस्कॉन मंदिर सेक्टर-45 के अध्यक्ष अच्युत हरि दास ने पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि फूलों, पत्तियों और रिबन से सजाए गए जगन्नाथ के विशाल रथ, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को सुबह इस्कॉन मंदिर सेक्टर-45 लाया जाएगा। इसके बाद कीर्तन होगा और छप्पन भोग का भोग लगाया जाएगा। यात्रा दोपहर 2 बजे एक विशाल केक के भोग के साथ शुरू होगी। यात्रा सेक्टर-40 मार्केट, सेक्टर-31 मार्केट से होते हुए अंत में हरे कृष्ण महामंत्र के जाप के बीच सेक्टर-15 कंपनी बाग ग्राउंड पहुंचेगी। इसके बाद एक भव्य सांस्कृतिक समारोह होगा। यहां से यात्रा रवाना होगी, जो कि सदर बाजार, सिद्धेश्वर चौक, सोहना चौक होते हुए कंपनी बाग पहुंचेगी।
छप्पन भोग प्रसाद एक विशाल क्रेन की मदद से चढ़ाया जाएगा
यात्रा के दौरान भगवान को छप्पन भोग प्रसाद एक विशाल क्रेन की मदद से हवा में चढ़ाया जाएगा। इसे इस्कॉन के क्षेत्रीय सचिव सुदर गोपाल दास द्वारा प्रदान किया जाएगा। यात्रा के आगे कलाकार लाइव रंगोली बनाते चलेंगे। डांडिया, रॉक बैंड यात्रा के मुख्य आकर्षण होंगे। उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की उत्पत्ति उड़ीसा के पुरी से हुई है। ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है कि जो कोई भी भगवान जगन्नाथ के रथ के दर्शन करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
भक्त दया गौरंग दास ने बताया कि रूस, इंग्लैंड, अमेरिका, बोस्निया, अर्जेंटीना, मैक्सिको, आॅस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और एशिया के अन्य हिस्सों जैसे दुनिया के विभिन्न देशों से भक्तों के रथ यात्रा में भाग लेने की उम्मीद है। वृंदावन के कुछ भक्त रथ यात्रा में भाग लेने के लिए गुरुग्राम और नई दिल्ली इस्कॉन मंदिर आए हैं। उनमें से अधिकांश रथ यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित थे। उन्होंने कहा कि 1968 में इस्कॉन के संस्थापक आचार्य प्रभुपाद ने सैन फ्रांसिस्को, यूएसए में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पहली रथ यात्रा निकाली थी। आज दुनिया के विभिन्न देशों में भगवान जगन्नाथ के रथ का रथ हर साल लोगों को भारत की समृद्ध वैदिक सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराता है।
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