- सीआरपीएफ के शौर्य चक्र विजेता जिले सिंह को नहीं मिली घोषित अनुग्रह राशि
- सेना और पैरामिलिट्री फोर्स शहीदों की अनुग्रह राशि 50 लाख से एक करोड़ की गई
- बोले, ऑपरेशन या ड्यूटी के दौरान सुरक्षा कर्मी की शहादत का पैमाना एक ही हो
(Gurugram News) गुरुग्राम। पटौदी क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकलां चैनपुरा के मूल निवासी सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट शौर्य चक्र विजेता जिले सिंह द्वारा हरियाणा सरकार के द्वारा शहीदों की अनुग्रह राशि बढ़ाई जाने का स्वागत किया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और सीआरपीएफ के शहीदों को अनुग्रह राशि 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए किया जाना सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों में जवान एक ही उद्देश्य लेकर समाज और देश की सीमा सहित अंतरिक्ष सुरक्षा का संकल्प लेकर ही 24 घंटे सेवा में उपलब्ध रहते हैं। हरियाणा सरकार द्वारा बढ़ाई गई अनुग्रह राशि भविष्य में बहुत से जरूरतमंद और ऐसे परिवारों का आर्थिक सहारा बनेगी। जिनके परिवार में केवल एक मात्र ही सदस्य हैं, वह भी भारतीय सेना या फिर सीआरपीएफ सहित अन्य सुरक्षा बलों में कार्यरत हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा अनुग्रह राशि में से 700000 ही अनुग्रह राशि देकर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया
शौर्य चक्र विजेता जिले सिंह ने बताया कि पिछले चार वर्ष से उनके द्वारा बकाया अनुग्रह राशि के लिए पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन सरकार और विभिन्न संबंधित विभागों की के द्वारा संज्ञान नहीं लिया जा रहा। उन्होंने बताया कि अब से पहले हरियाणा सरकार द्वारा शौर्य चक्र विजेता को 31 लाख रुपए अनुग्रह राशि देने का प्रावधान है। उन्हें हरियाणा सरकार द्वारा अनुग्रह राशि में से 700000 ही अनुग्रह राशि देकर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया।
शौर्य चक्र विजेता को कृषि भूमि, फ्लैट या फिर प्लाट देने का भी प्रावधान है। राष्ट्रीय राजमार्ग, सरकारी भवन, किसी सरकारी स्कूल अथवा अस्पताल का नामकरण भी शौर्य चक्र विजेता के नाम पर किया जाने का प्रावधान किया गया है। सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट जिले सिंह हरियाणा प्रदेश के एकमात्र सुरक्षा बल के सुरक्षाकर्मी अधिकारी हैं, जिनको शौर्य चक्र प्राप्त होने का गौरव प्राप्त है।
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