- यूनेस्को चेयर के भारत प्रतिनिधि ने एक वेबिनार में कही यह बात
- बोले, भारत की बड़ी आबादी की खराब स्वास्थ्य स्थिति देश की प्रगति में बाधा
(Gurugram News) गुरुग्राम। भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए हमें एक स्वस्थ एवं उत्पादक राष्ट्र की आवश्यकता है। भारत की औसत जीवन प्रत्याशा केवल 60 वर्ष है। यह जापान के 74 वर्ष और चीन के 69 वर्ष की तुलना में काफी कम है। भारत की बड़ी आबादी की खराब स्वास्थ्य स्थिति देश की प्रगति में बाधा डाल रही है। अब यह जरूरी हो गया है कि भारत के स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा को जरूरी किया जाए। यह बात ग्लोबल हेल्थ एंड एजुकेशन पर यूनेस्को चेयर के भारत प्रतिनिधि तथा तरंग हेल्थ एलायंस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राहुल मेहरा ने कही।
स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा एक जरूरी कदम
डा. राहुल मेहरा शुक्रवार को गफिजीहा (फोरम फॉर इंडियन जर्नलिस्ट्स ऑन एजुकेशन, एनवायरनमेंट, हेल्थ एंड एग्रीकल्चर) के सहयोग से आयोजित एक वेबिनार में यूएसए से अपना संबोधन दे रहे थे। वेबीनार में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों के पत्रकार, हेल्थ एक्सपर्ट एवं अन्य बुद्धिजीवी जुड़े। इस दौरान नवनीत आनंद, राजीव, संजीव शर्मा, शेखर शर्मा, विज्ञा द्विवेदी, पूनम सहराय, संजय मेहरा, सृष्टि, आलोक रंजन, अपर्णा वत्स, गुरशरण सिंह, जयश्री आदि ने भी अपने विचार रखे। डा. राहुल मेहरा ने कहा कि राष्ट्रहित में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम आम आम लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करें।
इसके लिए स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा एक जरूरी कदम है। डॉ. राहुल मेहरा ने कहा कि ज्यादातर बीमारियों का इलाज महंगा है और आबादी का एक बड़ा हिस्सा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं रखता। बच्चों को स्कूलों में स्वास्थ्य विषय की शिक्षा देकर उनकी स्वास्थ्य संबंधी आदतों में सुधार किया जा सकता है। स्वास्थ्य शिक्षा में शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के विषय शामिल होने चाहिए।
स्वास्थ्य शिक्षा जीवन के कल्याण के लिए जरूरी
डॉ. राहुल मेहरा ने स्वास्थ्य शिक्षा को एक मुख्य विषय बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसमें स्कूल हर सप्ताह कम-से-कम दो कक्षा स्वास्थ्य संबंधी पाठों और शारीरिक गतिविधि के लिए समर्पित करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा केवल ज्ञान अर्जित करने के बारे में नहीं है।
यह उन आदतों को अपनाने के बारे में है जो जीवन के कल्याण को बढ़ावा देती हैं। यदि हम स्कूल पाठ्यक्रम में स्वास्थ्य पाठों को शामिल करके, बच्चों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए तैयार करते हैं तो भविष्य में स्वास्थ्य देखभाल का बोझ कम करते हैं।
वेबिनार के दौरान दिल्ली एनसीआर क्षेत्र, चंडीगढ़ और जयपुर में तरंग हेल्थ एलायंस की पायलट परियोजनाओं की सफलता के बारे में प्रस्तुति दी गई। इस वर्ष तरंग हेल्थ एलायंस का समग्र स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम 30 स्कूलों में लागू किया जा रहा है। डॉ. मेहरा ने जोर देकर कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए इस मॉडल को भारत के सभी स्कूलों में लागू करने की आवश्यकता है।
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