(Gurugram News) गुरुग्राम। हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग का 75वां वार्षिक महाधिवेशन ओड़िशा के केंद्रीय विश्वविद्यालय कोरापुट में आयोजित किया गया। महाधिवेशन में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने के लिए हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी ने चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजा। महाधिवेशन का उद्घाटन केंद्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक प्रो. सुनील कुलकर्णी ने किया।
इस महाधिवेशन में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने के लिए हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी ने चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजा। प्रांतीय सम्मेलन की उपाध्यक्ष तथा हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की स्थायी समिति में हरियाणा की प्रतिनिधि वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार सुरेखा शर्मा ने भारतीय ज्ञान, परम्परा और हिंदी विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। प्रांतीय सम्मेलन के महामंत्री मोहन कृष्ण भारद्वाज ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति: भविष्य का समाज तथा स्कूल शिक्षा विभाग की बी.आर.सी. डा. दीप्ति बोकन ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौतियां विषय पर अपने आलेख प्रस्तुत किए। महाधिवेशन में सम्मेलन की सदस्य सुनीता शर्मा ने भी शिरकत की। भुवनेश्वर के रेवेन्सा कालेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार पटनायक, आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय विशाखापट्टम के हिंदी विभागाध्यक्ष डा. एम.एम. इकबाल तथा ओड़िशा केंद्रीय विश्वविद्यालय कोरापुट के शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डा. भरत कुमार पण्डा ने त्रिदिवसीय साहित्यिक सत्रों की अध्यक्षता की। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. चक्रधर त्रिपाठी ने भारतवर्ष के भिन्न-भिन्न प्रांतों से आए हिंदी साहित्य मनीषियों का स्वागत किया। इस महाधिवेशन में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडू, बिहार, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, बंगाल, मणिपुर, उत्त्तराखंड आदि प्रांतों से करीब 200 हिंदी मनीषियों ने भाग लिया।
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