(Gurugram News) गुरुग्राम। पिछले 10 साल से डीसी रेट पर नौकरी कर रहे डाटा एंट्री आॅपरेटर्स आधार का रोजगार संकट में हैं। जिला में कुल 35 कर्मचारियों में से 23 को तो नौकरी से निकाला जा चुका है। बाकी बचे कर्मचारियों को भी निकाले जाने का डर सता रहा है। पीड़ित कर्मचारी अब जिला मुख्यालय पर धरना देने की तैयारी कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार ने 5 साल पुराने कर्मचारियों को रिटायरमेंट तक नौकरी सुरक्षित करने का काम किया है, दूसरी तरफ 10 साल से लगे कर्मचारियों को बाहर निकाला जा रहा है।
जिला के सभी 35 कर्मचारियों ने आधार का काम पूरी सक्रियता से किया
डाटा एंट्री आॅपरेटर आधार रितेश कुमार, प्रताप, पवन कुमार, दीपक सैनी, लखन चंद, राहुल, हर्षित, नीरज, सोनिया, दिनेश कुमार, पुरुषोत्तम शर्मा आदि ने बताया कि उन्हें 10 साल पहले डीसी रेट पर नौकरी दी गई थी। आधार कार्ड बनाने, अपडेट करने का उनका काम है। किसी के काम में कभी कोई शिकायत नहीं मिली। जिला के सभी 35 कर्मचारियों ने आधार का काम पूरी सक्रियता से किया। थोड़े-थोड़े समय अंतराल में कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाता रहा। कुल 35 में से 23 कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद अब 12 कर्मचारी जिला में बचे हैं।
उन्हें भी रोज निकाले जाने का डर सता रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि एक नई एजेंसी को इस काम के लिए हायर किया गया है, जबकि उनका काम सही चल रहा है। कमी है तो सरकार, प्रशासन के स्तर पर है। जिला में इस समय मात्र 5 मशीनें ही हैं, जिन पर सारा वर्कलोड है। फिर भी कर्मचारी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक साल पहले उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल किया गया था। अब बिना किसी वजह के हटाने का काम किया जा रहा है। कर्मचारियों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर एक सप्ताह में निकाले गए कर्मचारियों को काम पर वापस नहीं लिया गया तो वे डीसी कार्यालय के समक्ष धरना शुरू करेंगे। इसके लिए उन्होंने अतिरिक्त उपायुक्त को पत्र सौंप दिया है।