(Gurugram News) गुरुग्राम। राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने बुधवार को गुरुग्राम में महिलाओं के उत्पीडऩ से सम्बंधित विषयों की सुनवाई की। उनके समक्ष घरेलू हिंसा, दहेज व मानसिक उत्पीडऩ से संबंधित 14 शिकायतें रखी गई, जिनमें से कुछ शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कर दोनों पक्षों की सहमति से समझौता भी कराया गया।
14 शिकायतों की सुनवाई कर पुलिस अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
बैठक के उपरान्त मीडिया प्रतिनिधियों से बात करते हुए ्ररेणु भाटिया ने बताया कि आज गुरूग्राम में उनके समक्ष 14 शिकायतें रखी गयी थी। जिसमें से तीन शिकायतें खारिज की गई है। दो शिकायतों की दोबारा सुनवाई की जाएगी। दो शिकायतें क्लोज की गयी हैं। उन्होंने कहा कि कई बार जल्दबाजी में लिए गए फैसले आपके पूरे जीवन को प्रभावित करते हैं। ऐसे में आज की बैठक में एक शिकायत के संदर्भ में इस उम्मीद के साथ कि शायद इनमें आपसी सहमति बन सके, इसके लिए दोनों पक्षों को दस दिन का समय दिया गया है। इसी प्रकार एक केस में पीड़ित महिला को पति द्वारा प्रत्येक माह पांच हजार गुजारा भत्ता देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक शिकायत के संदर्भ में सूचना मिली है कि आरोपी लडका विदेश भाग गया है। जिसमें पुलिस अधिकारियों को नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
आयोग महिला अधिकारों के संरक्षण का मजबूत स्तंभ: भाटिया
रेणु भाटिया ने कहा कि बदलते परिवेश में महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक हुई हैं। अब उन्हें यह भलीभांति पता है कि उन्हें अपनी आवाज कहाँ उठानी है। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का गठन पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए ही हुआ है। यदि किसी महिला को न्याय मिलने में कोई परेशानी आ रही है तो वे अपनी समस्या को लेकर जनसुनवाई में जरूर आएं। जनसुनवाई में पीड़ित महिलाओं की पूरी सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर पूरी तरह आश्वस्त रहे। महिला आयोग उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए एक मजबूत स्तंभ की तरह उनके साथ खड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाएं अपनी शिकायत के संदर्भ में इस बात का विशेष ध्यान रखे कि अगर उनकी शिकायत झूठी व निराधार पाई गई तो उसके खिलाफ भी उतनी ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
श्रीमती भाटिया कहा कि महिला जन सुनवाई में आने वाले शिकायती प्रकरणों पर महिला आयोग द्वारा नियमित रूप से मोनिटरिंग की जाती है। उन्होंने कहा कि उनका सदैव यह प्रयास रहता है कि वे पति और पत्नी को आमने सामने बैठाकर केस की सुनवाई करें ताकि विवाद की जो असल वजह है वो क्लियर हो।
इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि कोई महिला अगर शिकायत लेकर थाने में जाती हैं तो पूरी गंभीरता के साथ महिलाओं की शिकायतों को सुनते हुए आवश्यक कार्यवाही करें और शिकायतकर्ता को संतुष्ट किया जाए। इस दौरान पूजा लोधी लीगल असिस्टेंट, सहायक प्रीति वर्मा, सहित गुरूग्राम पुलिस के एसीपी व महिला थानों की एसएचओ व संबंधित केस की आईओ उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें: Mahendargarh News : राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय में वृद्ध जनों के लिए लगा मुफ्त शिविर