Gurugram News : 100 दिन में से 25 दिन घटे पर सफाई नजर नहीं आई: माईकल सैनी

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25 days have been reduced from 100 days but cleanliness is not visible: Michael Saini
माईकल सैनी, फैली गंदगी।
  • गुडगांव के विधायक ने 100 दिन में शहर की सफाई व्यवस्था सुधारने की कही थी बात
  • हर बार की तरह इस बार भी कूड़े के ढेरों पर मनानी पड़ी दिवाली
  • सरकार का तंत्र पूरी तरह से हो चुका है फेल

(Gurugram News) गुरुग्राम। गुरुग्राम में सफाई को लेकर जो दावे किए गए हैं, उन पर कोई काम नहीं हो रहा। 100 दिन में शहर को गंदगी मुक्त करने की बात कही गई थी, जिसमें से 25 दिन घट चुके हैं। इन 25 दिनों में कुछ बदलाव नजर नहीं आया। हालत यह रही कि हर बार की तरह से इस बार भी गुरुग्राम वासियों ने कूड़े के ढेरों पर ही दिवाली मनाई। समाजसेवी माईकल सैनी ने सरकार, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सफाई व्यवस्था को लेकर इस तरह से सवाल उठाए हैं।

माईकल सैनी ने कहा कि कई साल से गुरुग्राम के लोग गंदगी के बीच जी रहे हैं। जिधर नजर दौड़ाओ वहीं पर गंदगी के ढेर नजर आते हैं। हर गली, हर मुहल्ले, हर कालोनी, हर सेक्टर में सफाई व्यवस्था के नाम पर दिखावा हो रहा है। घरों से गंदगी नहीं उठाई जा रही है। गंदगी उठाने के नाम पर लोगों से वसूली जरूर हो रही है। इस पर ना तो सरकार ही गंभीर नजर आ रही है और ना ही नगर निगम प्रशासन।

सरकार की उदासीनता के कारण ही अधिकारी बेलगाम हो रहे

जिस मुख्यमंत्री ने सफाई व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को लताड़ लगाई थी। अगले सप्ताह सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने की बात कही थी, वे भी अपने इस कथन को भूल गए हैं। माईकल सैनी ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण ही अधिकारी बेलगाम हो रहे हैं। शायद उन्हें लगता है कि सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। अगर जरा सा भी डर अधिकारियों में होता तो मुख्यमंत्री के कहने के बाद सफाई व्यवस्था दुरुस्त कर दी गर्ई होती। गुडगांव से भाजपा के विधायक चुने गए मुकेश शर्मा ने 100 दिन में सफाई व्यवस्था सुधारने का दावा किया था, अब 100 दिन में से 25 दिन बीत चुके हैं। इन 25 दिनों में सफाई कहीं नजर नहीं आई।

माईकल सैनी ने कहा कि सफाई के साथ-साथ टूटी सडकों पर भी खानापूर्ति की जा रही है। कहीं कहीं तो सडकें बनाई ही नहीं जा रही। सेक्टर-10 चौक से गाड़ौली गांव होते हुए द्वारका एक्सप्रेस-वे तक सडक का बुरा हालत है। गहरे गड्ढे हैं। एक तरफ की सडक से तो लोगों ने आना-जाना ही छोड़ दिया है। करीब एक साल पहले नगर निगम ने बजट पास होने की बात कही थी। थोड़ा सा टुकड़ा बनाकर दिखा दिया गया। उन्हें अंदेशा है कि कहीं पूरी सडक बनाने के बिल पास ना हो गए हों। इसलिए सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। कुछ सडकें बनाई गई हैं, जो 15 दिन भी नहीं चलीं और टूट गई हैं। सोहना अड्डा की सडक पर फिर से गहरे गड्ढे हो गए हैं। गुरुग्राम में तीन स्तरीय प्रशासन जिला प्रशासन, नगर निगम और जीएमडीए है, लेकिन वर्षों से गुरुग्राम की बदहाली को नहीं सुधारा जा रहा।

 

 

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