ED questions Robert Vadra, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुग्राम भूमि मामले में कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा से आज सुबह से पूछताछ कर रहा है। पूछताछ दिल्ली स्थित ईडी के कार्यालय में चल रही है और कई घंटे की पूछताछ के बाद लंच ब्रेक में वाड्रा आफिस के बाहर गए हैं। वह पूछताछ के लिए फिर कार्यालय आएंगे।

मैं सरकार अथवा किसी से डरने वाला नहीं

कार्यालय से बाहर आने के दौरान वाड्रा ने कहा, मैं सरकार अथवा किसी भी जांच एजेंसी से डरने वाला नहीं हूं। मैं सभी सवालों के जवाब दंूगा। वाड्रा के अनुसार उन्होंने 2019 में भी एजेंसी के पास 23,000 दस्तावेज जमा करवाए थे। कारोबारी ने बताया कि यह 20 वर्ष पुराना मामला है और उनसे इसी में पूछताछ की जा रही है। उन्होंने ईडी के समन को भाजपा द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध बताया।

हर लेन-देन में करते हैं नियमों का पालन

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, जब हम कोई भी लेन-देन करते हैं तो सभी नियमों और विनियमों का हम पालन करते हैं। उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ सरकार हमेशा एजेंसी का दुरुपयोग करती है। वे मुझसे जितने चाहें उतने सवाल पूछ सकते हैं, मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।

आवास से सुबह कार्यालय तक पैदल गए

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति वाड्रा सुबह अपने आवास से ईडी कार्यालय तक पैदल गए थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, मामले में कुछ भी नही है और जांच में निष्कर्ष की उम्मीद है। कारोबारी ने कहा, जब वे मूल मुद्दों से भटकना चाहते हैं, तो वे मुझे बुलाते हैं। उन्होंने कहा, जब मैं देश के पक्ष में बोलता हूं, तो मुझे रोका जाता है। राहुल गांधी को संसद में बोलने से रोका जाता है। भाजपा ऐसा कर रही है और यह एक राजनीतिक प्रतिशोध है।

आसान नहीं 23000 दस्तावेजों को व्यवस्थित करना

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, वह हमेशा समन मिलने और एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन 23000 दस्तावेजों को व्यवस्थित करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे पिछले 20 वर्षों से 15 बार समन किया गया है और हर बार 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई है। वाड्रा ने भी परिवार के आशीर्वाद से राजनीति में आने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने बात पर जोर दिया कि राजनीति से उनका जुड़ाव काफी हद तक गांधी परिवार के साथ उनके जुड़ाव के कारण है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई राजनीतिक दलों ने उन्हें राजनीतिक चर्चाओं में खींचने की कोशिश की है, अक्सर चुनाव या अन्य मुद्दों के दौरान उनके नाम का इस्तेमाल ध्यान भटकाने के लिए किया जाता है।

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