संजीव कौशिक, रोहतक:
दिवस मनाने का महत्व पता होना जरूरी: डा. अनीता
मंच का संचालन डॉ. हरनीत सिंह ने किया। मौके पर उपस्थित विद्यार्थियों और कर्मचारियों से कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना ने कहा कि हमें पता होना चाहिए कि आज का यह दिवस हम क्यों मना रहे हैं। हमें श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। डॉ. अनीता सक्सेना ने कहा कि हमें अपने साथ कुछ नहीं लेकर जाना है, इसलिए हमें लोगों की मदद करनी चाहिए।
चिकित्सा जगत से जुड़े होने के चलते भगवान ने हमें यह मौका दिया है कि हम मानवता की सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि हमें खुद को चिंता मुक्त रखना चाहिए और जब हम घर जाएं तो अपने साथ कार्य की चिंता नहीं रखनी चाहिए। डॉ. अनीता सक्सेना ने कहा कि हमें सिख समुदाय से सीखना चाहिए जो हमेशा जरूरत पड?े पर अग्रणीय पंक्ति में खड़े होकर आमजन की सेवा के लिए कभी लंगर, कभी पानी व कभी मेडिकल सेवा करते ही रहते हैं।
गुरु जी ने सिद्धांतों के लिए दिए प्राण
कुलसचिव डॉ.एच.के. अग्रवाल ने बताया कि गुरु तेग बहादुर ने धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हमें उनके त्याग से प्रेरणा लेते हुए इसे अपने प्रोफेशन में अपनाना चाहिए और अपना अधिक से अधिक समय मरीजों की सेवा में देना चाहिए। निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब ने कहा कि हमें गुरू तेग बहादुर जी से प्रेरणा लेनी चाहिए और हमें किसी से डरना नहीं चाहिए, किसी को डराना नहीं चाहिए और निर्भिक रहते हुए कार्य करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि संस्थान में 75वां आजादी का अमृत महोत्सव काफी बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है। डॉ. लोहचब ने कहा कि संस्थान समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करता रहता है ताकि विद्यार्थी इनसे प्रेरणा लेकर देश को उचाईयों के शिखर तक ले जाने में अपना संपूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि वें गुरू तेग बहादुर के 400वें जन्मदिवस पर कोटि-कोटि नमन करते हैं।
सफलता अंतिम नहीं, विफलता घातक नहीं
डीन डॉ. कुलदीप सिंह लालर ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने कहा था कि सफलता कभी अंतिम नहीं होती, विफलता कभी घातक नहीं होती, इनमें जो मायने रखता है वो है साहस। विद्यार्थियों को उनकी यह बातें हमेशा अपने दिमाग में रखनी चाहिए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. वरूण अरोड़ा ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ.एच.के. अग्रवाल, निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब, डीन एकेडमिक अफेयर डॉ. अशोक चौहान, डीन डॉ. कुलदीप सिंह लालर, डॉ. आरबी जैन, डॉ. सिम्मी खरब, नर्सिंग प्राचार्य प्रो. सुनीता सिंह, डा. वरुण अरोड़ा और डॉ. हरनीत सिंह मौजूद रहे।
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