गगन बावा, गुरदासपुर :
सिविल सर्जन डा. हरभजन राम के नेतृत्व में पीपी यूनिट में 19 जुलाई से 2 अगस्त तक डायरिया रोकथाम पखवाड़ा मनाने के लिए पोस्टर जारी किए गए। सिविल सर्जन ने कहा कि पंजाब में छोटे बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण डायरिया है। इसके अलावा, ओआरएस घोल और जिंक की गोलियां 14 दिन तक देनी चाहिए। जिला टीकाकरण अधिकारी डा. अरविंद कुमार ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण, जल संरक्षण और अच्छी जीवनशैली के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कोविड-19 मिशन फतेह की शुरूआत की गई है। इस पखवाड़े के अंतर्गत आने वाले सरकारी अस्पतालों में ओआरएस, जिंक कार्नर स्थापित किए जाएंगे, जहां डायरिया होने पर किए जाने वाले उपायों की जानकारी दी जाएगी। ओआरएस के पैकेट भी वितरित किए जाएंगे। उप जनसंचार अधिकारी गुरिंदर कौर ने कहा कि बच्चों को हाथ धोने की तकनीक की जानकारी दी जानी चाहिए। अगर कोई बच्चा दस्त से पीड़ित है तो उसे इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाए। लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए इस पखवाड़े के दौरान पूरे जिले में पोस्टर और बैनर लगाए जाएं। इस अवसर पर डा. भावना शर्मा ने कहा कि नवजात शिशु को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना चाहता है, यह ताजा और प्राकृतिक आहार है। छह महीने के बाद बच्चे को मां का दूध के साथ-साथ नरम आहार जैसे चावल, दलिया, दालें और मसूर का पानी पिलाएं। अगर मां बच्चे को स्तनपान कराती है, तो वह भी स्वस्थ रहेगी। इस अवसर पर पीपी यूनिट के समस्त कर्मचारी एवं डा. अंकुर कौशल, डा. लोकेश महाजन, डा. अनीता आदि उपस्थित थे।