गुरदासपुर: पराली न जलाने को लेकर गांवों में लगाए जाएंगे Poster और Flax Board

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गगन बावा, गुरदासपुर:
धान की पराली के अवशेषों को आग न लगाकर उनका सही इस्तेमाल करने के लिए किसानोँ को बड़े स्तर पर जागरूक करने का अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जहां किसानों को कैंप लगाकर जागरूक किया जाएगा, वहीं गांवों में स्थित साझा जगहों पर पोस्टर व फ्लैक्स बोर्ड लगाए जा रहे हैं, जिन पर पराली जलाने से होने वाले नुकसान और न जलाने पर होने वाले फायदे लिखे जाएंगे।

पर्यावरण को बचाना उद्देश्य

धान की पराली के अवशेषों की संभाल और इस्तेमाल संबंधी विभिन्न विभागों के अधिकारियों व अग्रमि किसानों के साथ डीसी मोहम्मद इश्फाक ने बैठक की। इसमें डीसी ने धान की पराली के अवशेषों के संभाल व उसका सही प्रयोग करने पर व उसे आग से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि पराली को आग लगाने से जहां वातावरण दूषित होता है, वहीं धरती की उपजाऊ शक्ति भी खत्म हो जाती है, जिस संबंधी गंभीरता से सोचने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को पराली के अवशेषों को संभालने और इसके प्रयोग करने के लिए सुझाव लिए और कहा कि सभी के सहयोग व खास कर किसानों के सहयोग से इस मिशन में कामयाबी प्राप्त की जा सकती है।

50 गांव सबसे ज्यादा सेंसिटिव

डीसी ने जिले के 50 गांवों जहां पराली को सबसे अधिक आग लगाई जाती है। इनमें विशेष जागरूकता अभियान चलाने के अलावा यह भी बताया कि प्राइवेट शूगर मिलों द्वारा फ्यूल बनाने के लिए 30 गांवों की पराली का सही प्रयोग करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पराली से बिल्डिंग मैटीरियल बनाने और पराली से कच्चा कोला बनाने के लिए श्री राम कालेज नई दिल्ली की छात्राओं द्वारा कच्चा कोला बनाने के लिए एक एक गांव में पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया जाएगा। नौ गांवों की पराली का सही प्रयोग फीडबैक फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा।

सेहत पर पड़ता है बुरा प्रभाव

डीसी ने बताया कि गांव गांव किसानों को पराली की संभाल और इसके सही प्रयोग करने संबंधी विभागों द्वारा जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा और लोगों को जागरूक किया जाएगा कि पराली को आग लगाने से उनके अपने परिवार व गांव के लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। डीसी ने समूह एसडीएमज से कहा कि वह सभी कंबाइनों का सुपर एसएमएस तकनीक से लैस होना यकीनी बनाएं। उन्होंने डीडीपीओ को हिदायत करते हुए कहा कि पराली को आग न लगाने संबंधी पंचायतों से प्रस्ताव पास करवाए जाएं।