गगन बावा, गुरदासपुर
डीसी मोहम्मद इशफाक की अध्यक्षता में सिविल, पुलिस प्रशासन, बीएसएफ, सेना और एनडीआरएफ के अधिकारियों के साथ मानसून के मद्देनजर बाढ़ प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्योें पर जूम मीटिंग की गई, जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक के दौरान डीसी ने जिले में किसी भी तरह की बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हर विभाग को सतर्क रहने का निर्देश दिया और कहा कि नागरिक व पुलिस प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए पहले से ही सभी इंतजाम कर सोमवार तक योजना को पूरा कर लें। उन्होंने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ, सेना और बीएसएफ अधिकारियों द्वारा की जा रही तैयारियों की भी समीक्षा की। डीसी ने ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों को जिले से सटी दो नदियों ब्यास और रावी से सटे गांवों की सूची अपडेट करने का निर्देश देते हुए कहा कि नदियों के पास के गांव जो सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं व मध्यम प्रभावित और कम प्रभावित हैं, उनकी सूची बनाई जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, बीएसएनएल, पावरकाम, वानिकी, डीएफएससी सहित संबंधित अधिकारियों को दवा, चारा, टेलीफोन व्यवस्था, बिजली आपूर्ति, राहत केंद्रों, राशन, पेयजल आदि के पर्याप्त प्रावधान के लिए पूरी योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला परिवहन विभाग को अग्रिम वाहनों की व्यवस्था भी पूरी करने को कहा ताकि संबंधित विभागों को जरूरत पड़ने पर तत्काल वाहन उपलब्ध कराये जा सकें।
उन्होंने सभी एसडीएम व पुलिस अधिकारियों को राहत शिविर, राहत कार्य के लिए समितियां गठित करने और गांव के सरपंचों और उनके रिश्तेदारों के फोन नंबरों की सूची रखने और गोताखोरों और नावों के लिए पूरी व्यवस्था करने और विशेष रूप से नावों को बंद रखने के लिए कहा. ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ से संबंधित सभी उपकरणों का निरीक्षण किया जाए और अगर कोई कमी हो तो उसे तुरंत ठीक किया जाए। इस अवसर पर एलडीसी राहुल, एडीसी मेजर अमित महाजन (शहरी विकास), रवि, कमांडेंट एनडीआरएफ बठिंडा, एडीएम कमांडेंट तिबड़ी केंट, बीएसएफ अधिकारी, गुरमीत सिंह जिला राजस्व अधिकारी, शाम सिंह उप निदेशक पशुपालन, डा. हरभजन राम, सिविल सर्जन आदि उपस्थित थे।