गगन बावा, गुरदासपुर :
मनरेगा से संबंधित मुलाजिमों ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स स्थित डीसी आफिस के बाहर मांगों को लेकर रोष प्रदर्शन किया। इस मौके पर प्रदेश प्रधान वरिंदर सिंह और प्रदेश महासचिव अमृतपाल सिंह ने बताया कि पंजाब में मनरेगा मुलाजिम पिछले 13 साल से ड्यूटी कर रहे हैं। इनकी मौजूदा संख्या 1875 के करीब है। सभी मुलाजिमों की भर्ती पूरी पारदर्शिता के साथ हुई है। इसलिए इन्हें कानूनी तौर पर रेगुलर करने में कोई अड़चन नहीं है। इसके बावजूद मुलाजिम बहुत ही कम वेतन पर काम कर रहे हैं। गांवों में ज्यादातर विकास कार्य मनरेगा के तहत कराने की तजवीज है। पिछले वित्तीय साल के दौरान 1600 करोड़ और चालू वित्तीय साल में अब तक 650 करोड रुपए के काम मनरेगा के तहत हुए हैं। पंजाब सरकार ने सत्ता में आने से पहले कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का वादा किया था, लेकिन साढ़े चार साल बीतने के बाद भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मुलाजिम अपनी आयु का सबसे कीमती समय मनरेगा के तहत काम में गुजार चुके हैं। इसलिए उनके पास और कोई रास्ता नहीं है। उनके वेतन का बोझ भी प्रदेश सरकार के खजाने पर नहीं पड़ता पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 96 करोड़ से भी ज्यादा पैसा कंटेंजेंसी के तौर पर प्रदेश सरकार को मिला है। इसलिए उनकी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें रेगुलर किया जाए।
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