गगन बावा, गुरदासपुर:
सिविल सर्जन डाक्टर हरभजन राम ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद स्कूलों को दोबारा खोलने की इजाजत दी गई है, लेकिन स्कूलों के प्रबंधकों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने टीचरों स्टाफ और स्टूडेंट्स को कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक करें। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल और वहां पर छुई जाने वाली सतहों की रोजाना सफाई और सैनिटाइजेशन करने के लिए समय सारणी तैयार की जानी चाहिए। हाथों की सफाई को यकीनी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर बच्चे बीमार हो तो घर ही रहने की नीति लागू करनी चाहिए। जो विद्यार्थी या स्टाफ कोविड-19 मरीज के संपर्क में आए हैं वह 14 दिन घर में ही रहें।
कक्षाओं में स्टूडेंट्स की संख्या सीमित कर, सभी में कम से कम 6 फुट की शारीरिक दूरी बनाई जा सकती है। क्लास रूम में अच्छी हवा यकीनी बनाने के साथ-साथ बार-बार हाथ धोने और पर्यावरण की सफाई संबंधी उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने रोकथाम उपायों की जानकारी देते कहा कि स्टूडेंट और स्टाफ की नियमित रूप में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर थर्मल जांच की जाए। उन्होंने कहा कि संदिग्ध मामलों वाले स्टूडेंट्स और स्टाफ को घर भेजा जाए और कोविड-19 की जांच किए जाने के बाद जब उनका टेस्ट नेगेटिव या लक्षण ना आए तब उन्हें स्कूल आने की इजाजत दी जाए। अगर टेस्ट पाजीटिव हो तो बीमार को एकांतवास किया जाए और इस मामले में कोविड-19 के इलाज का प्रोटोकॉल बरता जाए।