गुरदासपुर: नशे में फंस सब कुछ उजाड़ बैठा प्रेमी जोड़ा, अब छोड़ेंगे नशा

0
520
Addiction
Addiction

गगन बावा, गुरदासपुर

प्रदेश सरकार पंजाब से नशा खत्म करने के दावे करते नहीं थकती, वहीं दूसरी तरफ युवा पीढ़ी लगातार नशे की दलदल में धंसती जा रही है, जिससे साफ होता है कि पंजाब में नशा आसानी से उपलब्ध है। ऐसा ही एक मामला नजदीकी गांव में सामने आया है, जहां का एक प्रेमी जोड़ा नशे की लत के कारण अपनी पूरी धन दौलत लुटाने के बाद अब नशा छोड़ने के लिए जिला रेडक्रॉस नशा छुड़ाओ केंद्र में भर्ती हुआ है। हालांकि इस प्रेमी जोड़े ने अब नशे से पूरी तरह से तौबा कर ली है और इस दलदल में फंसे अपने जैसे लोगों को इससे बचाने का बीड़ा उठाया है। केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोमेश महाजन के अनुसार अब इस प्रेमी जोड़े की हालत में काफी सुधार है और वे लगातार तंदरुस्त हो रहे हैं। उन्होंने नशे की दलदल में फंसे अन्य लोगों को भी इससे बाहर निकलने का प्रयास करने की अपील की है ताकि एक बेहतर जिंदगी जी जा सके।

गांव के युवक ने लगाई लत

केंद्र में दाखिल युवती का कहना है कि उसके गांव के ही रहने वाले एक युवक ने उसे हेरोइन का नशे करने की लत लगा दी थी। इसके बाद उसकी यह लत लगातार बढ़ती चली गई। हालत यह हो गई कि वह नशा किए बिना रह ही नहीं पाती थी। वह लगातार एक साल तक नशा करती रही। इस दौरान उसके परिवार को उसके नशे की आदत का पता चल गया, जिसके बाद उसे घर से निकाल दिया गया। वह वहां से किसी अन्य गांव में रहने चली गई। वहां उसके एक युवक के साथ प्रेम संबंध बन गए। काफी समय तक उसके प्रेमी को इस बात का पता नहीं चला कि वह नशा करती है। बाद में उसे इस बात की भनक लग गई।

खुद लाकर देता रहा नशा

युवती के प्रेमी ने बताया कि वह खुद भी नशा करने का आदी था। जब उसे पता चला कि उसकी प्रेमिका भी नशा करती है तो वह खुद उसे नशा लाकर देने लगा। वे दोनों घर में ही हेरोइन के इंजेक्शन लगाने लगे। वह 3 साल तक दुबई में काम कर लौटा था। इस दौरान उसने वहां पर जो कुछ भी कमाया था, सारा नशे की लत पर उजाड़ डाला। हालत यह हो गई थी कि वे दोनों रोजाना करीब तीन हजार रुपए तक की हेरोइन पी जाते थे। एक साल में उन्होंने नशे की लत पर करीब 12 लाख रुपए उजाड़ दिए। यही नहीं जब पैसा खत्म हो गया तो घर का सामान तक बेच डाला।

अब कर ली तौबा

दोनों का कहना है कि पहले तो नशा करते समय बहुत अच्छा अहसास होता था, लेकिन जब पैसे खत्म होने पर नशा मिलना बंद हो गया तो समझ में आया कि इससे छुटकारा पाना होगा। इसलिए अब वे दोनों नशा छोड़ने के लिए जिला रेडक्रॉस नशा छुड़ाओ केंद्र में भर्ती हो गए हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वे नशे की दलदल से दूर ही रहें। अगर कोई इस दलदल में धंसा हुआ है तो वह अपना इलाज कराकर अच्छी जिंदगी व्यतीत करे।