गगन बावा, गुरदासपुर:
कंप्यूटर अध्यापक यूनियन जिला गुरदासपुर के प्रधान गुरपिंदर सिंह गिल, प्रदेश महासचिव परविंदर सिंह के नेतृत्व में 4 जुलाई की पटियाला रैली की तैयारियों को लेकर गुरु नानक पार्क गुरदासपुर में बैठक हुई। इस बैठक में सभी कमेटी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते यूनियन नेताओं ने बताया कि 3 अगस्त को कंप्यूटर टीचरों की एक पैनल मीटिंग मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सचिव, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार के साथ हुई थी, जिसमें कंप्यूटर अध्यापकों की मांगों को जायज बताते जल्द पूरा करने का विश्वास दिलाया गया था। जिला प्रधान गिल ने बताया कि करीब 7000 कंप्यूटर टीचर साल 2004/05 से सरकारी स्कूलों में काम कर रहे हैं। साल 2011 में कंप्यूटर अध्यापकों की सेवाओं को पंजाब सरकार की ओर से माननीय राज्यपाल की अनुमति के तहत नोटिफिकेशन जारी कर जुलाई 2011 से रेगुलर कर दिया गया और उन्हें रेगुलर नियुक्ति पत्र जारी किया गया, जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया कि कंप्यूटर अध्यापकों को रेगुलर मुलाजिमों की तरह सभी लाभ व सुविधाएं मिलेंगी और उनकी सेवाएं पंजाब सिविल सर्विसेज रूल्स के तहत गवर्न होंगी, लेकिन करीब साढे 6 साल की ठेका सर्विस और करीब 11 साल की रेगुलर नौकरी के बाद भी कंप्यूटर टीचर रेगुलर वाली सुविधाओं से वंचित हैं।
जैसे कि आईआर एसीपी, पेंशन स्कीम, लगभग 70 कंप्यूटर टीचरों की मौत हो चुकी है, लेकिन उनके परिवारों की सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की गई। उन्होंने बताया कि इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि सरकार राज्यपाल की अनुमति के साथ जारी नोटिफिकेशन और लिखित नियुक्ति पत्रों को पूर्ण तौर पर लागू नहीं कर रही। उन्होंने मांग की कि इन सब समस्याओं का सरकार पक्का हल करने के लिए रेगुलर नोटिफिकेशन, रेगुलर नियुक्ति पत्र को पूर्ण तौर पर लागू कर कंप्यूटर टीचरों को बिना किसी शर्त के मर्ज करे ताकि उन्हें बार-बार सड़कों पर उतरने के लिए विवश ना होना पड़े। पिछली बैठकों की तरह अगर इस बैठक में हुए फैसलों को सरकार ने जल्द लागू न किया तो मजबूरन कंप्यूटर अध्यापक 14 अगस्त को पटियाला में प्रदेश स्तरीय एक्शन लेंगे, जिसकी जिम्मेदार पंजाब सरकार होगी। इस मौके पर नरेंद्र पाल, केवल कृष्ण, सलविंदर कुमार, प्रदीप शर्मा, मनदीप सिंह, अमनदीप सिंह, कुलदीप सिंह, कुणाल कालिया, रवि अत्तरी, अमित कुमार, गगनदीप सिंह, इंद्रजीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, सतीश माही आदि मौजूद थे।