2015-16 को नेगेटिव आईजीएसटी बंदोबस्त में राज्यों की हिस्सेदारी तय करने के लिए आधार वर्ष मानने की की मांग
Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने नेगेटिव आईजीएसटी निपटारा के मुद्दे पर केंद्र से मांग की है कि जीएसटी प्रणाली के कारण राज्यों पर अचानक बहुत बोझ पड़ा है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्यों का हिस्सा तय करने के लिए पिछले वर्ष की बजाय वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष मानने की अपील की। इसके अलावा, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मुआवजा सैस को एक निरंतर प्रक्रिया बनाने और इसे पूंजीगत खर्चों से जोड़कर राज्यों का बुनियादी ढांचा मजबूत करने की वकालत की।
प्रदेश में आपदा सेस बढ़ाने का समर्थन
पंजाब ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को सहायता प्रदान करने के लिए वस्तुओं की अंतर-राज्यीय परिवहन पर दो और वर्षों के लिए आपदा सैस 1 प्रतिशत बढ़ाने की आंध्र प्रदेश की मांग का भी जोरदार समर्थन किया है। पंजाब के वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों की मदद के लिए इसे एक निरंतर प्रक्रिया के रूप में जारी रखा जाए। इस दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजीकरण प्रक्रिया में किए जा रहे बदलावों का भी स्वागत करते हुए कहा कि इन कदमों से जाली डीलरों के प्रसार को काफी हद तक रोका जा सकेगा।
वित्त मंत्री ने यह मांग भी की
इसके अलावा, वित्त मंत्री चीमा ने जी.एस.टी काउंसिल के ध्यान में लाया कि जीएसटी अधिनियम की धारा 13(8) की धारा (बी) को हटाने से बाहरी देशों की संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली बिचौलगी सेवाओं को छूट के दायरे में लाया जाएगा, जिसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। काउंसिल द्वारा इस एजेंडा आइटम को और विचार-विमर्श के लिए स्थगित कर दिया गया।
स्वास्थ्य और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर छूट देने के एजेंडे को भी पंजाब द्वारा असहमति व्यक्त किए जाने के कारण स्थगित कर दिया गया। एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) को वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के एजेंडे का कड़ा विरोध करते हुए जोर देकर कहा है कि ए.टी.एफ. को जी.एस.टी के घेरे में शामिल करने से पेट्रोलियम पदार्थों को वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) के घेरे से निकालने का रास्ता साफ हो जाएगा।
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