कष्ट निवारण समिति की बैठक 

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Grievance Redressal Committee Meeting
Grievance Redressal Committee Meeting
  • शिकायत कर्ता गुलाब सिंह न्याय मिलने से हुए गद्द-गद्द, 50 हजार रूपये से अधिक का बिजली बिल भरने से भी मिला छुटकारा
  • गुलाब सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का किया आभार प्रकट,
  • कहा- कष्ट निवारण समिति वास्तव में गरीब लोगो को बिना खर्ची के न्याय दिलाने का एक अच्छा माध्यम

प्रवीण वालिया,करनाल 06 अप्रैल:
जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक विकास नगर निवासी गुलाब सिंह के लिए उस समय एक वरदान साबित हुई, जब समिति के अध्यक्ष एवं हरियाणा के शहरी एवं स्थानिय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने गुलाब सिंह की शिकायत को वाजिब मानते हुए पिछली बैठक में एसडीएम करनाल को पुन: जांच करने के निर्देश दिए थे। सही जांच रिर्पोट से न्याय मिलने के कारण गुलाब सिंह व उसका परिवार बेहद खुश नजर आया। इस जांच से उन्हे न केवल न्याय मिला बल्कि 50 हजार रूपये से अधिक राशि का बिजली बिल भरने से भी छुटकारा मिला।

गरीब लोगो को बिना खर्ची के न्याय दिलाने का एक अच्छा माध्यम

इसके लिए गुलाब सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का आभार प्रकट किया और कहा कि कष्ट निवारण समिति की बैठक वास्तव में गरीब लोगो को बिना खर्ची के न्याय दिलाने का एक अच्छा माध्यम है। इस प्लेटफॉर्म पर मंत्री द्वारा गरीब लोगो की शिकायतो की न केवल अच्छे से सुनवाई की जाती है बल्कि प्रार्थी को न्याय मिलने के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी प्रशासन द्वारा अमल में लाई जाती है।

बता दें कि गुलाब सिंह की शिकायत उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम से सम्बधित, बिजली बिल को लेकर थी। शिकायत कर्ता गुलाब सिंह का बिजली का मीटर वर्ष 2016 में खराब हो गया था, जिसकी उसने सम्बधित कार्यलय में मीटर बदलने के कई बार शिकायत दी थी। लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। अब सात साल बाद नोटिस दिया गया कि विभाग गलती से कम बिजली बिल दे रहा, जो अब मूल 80 हजार रूपये के करीब निकला है जोकि गलत है। जिसे लेकर शिकायत कर्ता गुलाब सिंह काफी परेशान चल रहा था और बिजली विभाग द्वारा उनका बिजली का कनैक्शन भी काट दिया गया था। इतना ही नही विजीलैंस की टीम द्वारा छापेमारी भी करवाई जा रही थी।

मंत्री कमल गुप्ता के निर्देश पर दोबारा से एसडीएम करनाल अनुभव मेहता द्वारा मामले की गहनता से जांच की गई और प्रार्थी को न्याय दिलवाया। बैठक में जांच रिर्पाेट प्रस्तुत करते हुए एसडीएम करनाल ने मंत्री को अवगत करवाया कि प्रार्थी का मामला ओके कंशप्शन पैर्टन के आधार पर सैटल्ड किया जा चुका है तथा मूल 53084 रूपये की राशी विभाग द्वारा पंजीकृत की जा चुकी है तथा मूल 27000 रूपये की राशी प्रार्थी से चार्ज की जानी थी, जोकि प्रार्थी द्वारा जमा करवा दी गई । इसके अलावा जे.ई. दिनेश रेलन व सीए संजीव आंनद को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए उच्च अधिकारी को लिखा जा चुका है।

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