मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की हरित क्रांति को दिखाया ठेंगा…वन विभाग करनाल के अधिकारी लापरवाही कर कई निजी संस्थानों को पहुंचा रहे फायदा
राजकुमार खुराना, तरावड़ी:
नेशनल हाईवे गांव झंझाड़ी से करनाल की तरफ जाते समय मारुति सुज़ुकी एरिना कंपनी का बड़ा शोरूम बन रहा था, जहाँ कंपनी ने गेट लगाया उसके सामने रातों-रात बिना एन.ओ.सी पेड़ काट दिए गए। इस बारे वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि विभागीय कार्रवाई की जा रही है, उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा एन.ओ.सी अप्लाई की गई है, लेकिन अभी तक एन.ओ.सी मिली नहीं है।
कई निजी संस्थानों ने वन विभाग की भूमि रास्ते बनाकर कब्जा किया
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई निजी संस्थानों द्वारा वन विभाग की भूमि पर निजी फायदों के चलते रास्ते बनाकर कब्जा कर लिया है, उसके बाद वन विभाग कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए ना तो अवैध रास्तों को बंद करता है और ना ही कोई ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाती। जिसका परिणाम यह हो रहा है कि आए दिन हाईवे पर बिना एन.ओ.सी के पेड़ों के काटने का सिलसिला लगातार चल रहा है।
आपको बता दें कि पेड़ पर्यावरण को बचाने में अपना अहम योगदान देते हैं, अगर हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में पर्यावरण संतुलन को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सहित, वन विभाग के आला अधिकारियों को संज्ञान लेना होगा ताकि भविष्य में सख्त नियम कानून बनाए जा सके व निजी संस्थानों के हौसले इतने बुलंद ना हो सके कि नियमों कानूनों को ताक पर रखकर पर्यावरण को खतरा पहुंचाकर आम जनजीवन की जिंदगी को नुकसान पहुंचाए।