Haryana Grain Market : मंडी बन्द होने से आढ़ती और उनसे जुड़े लाखों लोग हो जाएंगे बेरोजगार, : रजनीश चौधरी

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हरियाणा राज्य अनाज मंडी एसोसिएशन की 5 दिवसीय हड़ताल खत्म
हरियाणा राज्य अनाज मंडी एसोसिएशन की 5 दिवसीय हड़ताल खत्म
  • हरियाणा राज्य अनाज मंडी एसोसिएशन की 5 दिवसीय हड़ताल खत्म

Aaj Samaj (आज समाज), Haryana Grain Market, करनाल, इशिका ठाकुर: पिछले पांच दिनों से अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के सभी कमीशन एजेंट सांकेतिक हड़ताल कर रहे थे। शुक्रवार को पांच दिन की आंशिक हड़ताल के बाद करनाल के आढ़तियों ने अपनी मांगों को लेकर सीएम के नाम का ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया है । जिला सचिवालय पहुंचे आढ़तियों ने एक बार फिर सरकार पर प्रदेश की मंडियों को खत्म करने के आरोप लगाए और चेतावनी दी कि उनकी मांगे नही मानी गई तो वे गेंहू सीजन के बाद बड़ा आंदोलन करेगे ।

रजनीश चौधरी अनाज मंडी एसोसिएशन जिला प्रधान ने कहा कि आनाज मंडी में सभी फसलों की बिकवाली पर ढाई प्रतिशत आढ़त दिए जाने, पड़ोसी राज्यों के किसानों की फसल की एंट्री सहित कई अन्य मांगों को लेकर प्रदेश की मंडियों में चल रही आढ़तियों की रोजाना दो घंटे की हड़ताल आज पांचवे दिन समाप्त हो गई । मंडी एसोसिएशन अध्यक्ष रजनीश चौधरी के नेतृत्व आढ़ती करनाल जिला सचिवालय पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की ।

मंडी प्रधान और आढ़तियों ने सरकार पर लगाया आरोप

मंडी प्रधान और आढ़तियों ने आरोप लगाया कि सरकार की नियत मंडी व्यवस्था को खत्म करने की है । मंडी बंद होने से आढ़ती और उससे जुड़े लाखो लोग बेरोजगार हो जायेगे और किसानों को अपनी फसल बेचने में भारी दिक्कत होगी । उन्होंने कहा की बढ़ती महंगाई और काम को देखते हुए सरकार को उनकी कमीशन बढ़ानी चाहिए थी लेकिन उनकी आढ़त ढाई प्रतिशत से कम कर दी गई । अपनी मांगों को लेकर आढ़तियों ने सीएम के नाम ज्ञापन दिया और अगर समय रहते इसका निवारण नहीं किया गया तो गेहूं का सीजन खत्म होने के बाद उनके द्वारा कोई बड़ा आंदोलन सरकार के खिलाफ शुरू किया जा सकता है।

इनकी मुख्य मांगे है

1. फसलों की खरीद व पूरी आढ़त किसानों की सभी फसलें सरकार द्वारा MAP पर आढ़तीयों के माध्यम से ही खरीदी जाए। आढ़त पूरी 2.5 प्रतिशत मिलनी चाहिए जो कि गेहूं पर ₹ 56.87 व धान पर ₹ 55.075 बनाती है। जबकि पिछले बार वर्षों से सरकार द्वारा गेहूं पर ₹46/ और धान पर 45.88 रुपए फिक्स आढ़त दी जा रहीं है जो की बहुत कम है।

2. सभी फसलो की खरीद आढ़ती के माध्यम से,सरसों और कॉटन इत्यादि फसलें सरकार हैफेड और कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से सीधे किसानों से खरीद रही है। जिससे आढ़ती का कोई कमीशन नहीं बन रहा है जो कि आढ़तियों के साथ अन्याय है। इससे आढतीयों में बहुत रोश है। अत आपसे निवेदन है कि सभी फसले आढ़तियों के माध्यम ही खरीदी जाए और पूरी 25% आदत अदा की जाए या सरकार सरसों और कॉटन को भी भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत खरीद करें। जिससे कि हमारी APMC मंडिया खत्म होने से बच सके।

3. डायरेक्ट पेमेंट पिछले 4 वर्षों से MRP का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है। इस से आढ़तियों के साथ-साथ किसानों में बहुत रोष है। अत सरकार से निवेदन है कि सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की सहमति अनुसार आढ़ती या किसान के स्वयं के खीते में अदा किया जाना चाहिए।

4. FCI से पूरी आढ़त हरियाणा की मंडियों से FCI द्वारा खरीदी गई गेहूं, जो सीधी साइलों में गई है.इस बार उस गेहूं की खरीद पर FCI ने ढांड मंठी (जिला कैथल ) इत्यादि के आढ़तियों को आइत 50% दी है।

जबकि पिछले कई वर्षों से यह आदत संबंधित आढ़तीयों को पूरी दी जा रही है। हरियाणा सरकार की खरीद एजेंसियों ने पुण्डरी मंडी (जिला कैथल इत्यादि से जो गेहूं खरीद कर सीधे साइलों में भेजी है उन खरीद एजेंसियों ने आढ़तियों को पूरी आइत दे दी है। अगर आढ़ती को आढ़त नहीं मिलेगी तो मंडीकरण व्यवस्था टूट जाएगी और इसका दुष्प्रभाव आढ़तीयों के साथ-साथ किसानों पर भी पड़ेगा। आपसे निवेदन है कि FCI से आढ़तियों को उनकी पूरी आदत दिलवाई जाए।

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