प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पहली बार देश के नाम संबोधन किया। एक परिवार के तौर पर पूरे देश ने ऐतिहासिक फैसला लिया। जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई बहन अनेक सुविधाओं से वंचित थे अब उन्हें मिलेंगी। जो सपना श्यामा प्रसाद मुखजी अटल जी का था अब वह पूरा होगा। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को दिल से बधाई देता हूं। आर्टिकल 370 से जो हानि हो रही थी उसकी चर्चा ही नहीं हो रही थी। कोई यह भी नहीं बता पाता था कि 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों का क्या फायदा हुआ। आर्टिकल 370 का भष्टाचार, अलगावाद, परिवारवाद के लिए इस्तेमाल हुआ। 42 हजार निर्दोष लोगों को इसके लिए जान गवांनी पड़ी। अब व्यवस्था की कमी दूर होने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का वर्तमान तो सुधरेगा साथ ही भविष्य भी सुधरेगा। कानून बनाने के समय चर्चा होती है। इस प्रक्रिया से गुजर कर जो कानून बनता है वह पूरे देश का भला करता है। कोई कल्पना नहीं कर सकता है कि इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वह देश के एक हिस्से में लागू ही न हो। जो कानून देश की पूरी आबादी के लिए बनता था उससे जम्मू-कश्मीर के 1.5 करोड़ लोग उसके लाभ से वंचित रह जाते थे। देश के अन्य भाग में शिक्षा के अधिकार बच्चों को मिलते थे लेकिन जम्मू-कश्मीर के बच्चों को नहीं मिलते थे। बेटियों को भी अपने अधिकार यहां नहीं मिलते। जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी भी कानून से वचिंत थे। देश के अन्य भाग में एसटी एससी को लोगों आरक्षण का लाभ मिलता था लेकिन यहां लोगों को वह लाभ नहीं मिलता था।
केंद्र का प्रयास रहेगा कि राज्य के कर्मचारियों जिनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस शामिल है को अन्य राज्यों की तरह पूरी आर्थिक सुविधाएं दी जाएं। बहुत जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के वित्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा सेना और अर्धसैनिक बलों द्वारा स्थानीय युवाओं की भर्ती के लिए रैलियां की जाएंगी। जम्मू-कश्मीर में राजस्व घाटा भी बहुत ज्यादा है। केंद्र सरकार इसे कम करने का प्रयास करेगी। आर्टिकल 370 हटाने के बाद अभी कुछ समय के लिए सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में रखने का प्रस्ताव बहुत सोंच समझकर लिया है। जब से वहां राज्यपाल शासन हुआ है तब से वहां गुड गर्वनेंस का प्रभाव दिख रहा है। दशकों से लटके प्रोजेक्ट अब जमीनी हकीकत बन रहे हैं। वहां कनेक्टविटी से जुड़े प्रोजेक्ट हों, एयरपोट प्रोजेक्ट हो सभी को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में हजारों लाखों की संख्या में ऐसे भाई बहन रहते हैं जिन्हें वहां की पंचायत और विधान सभा के चुनावों में मतदान नहीं कर सकते थे। न ही चुनाव लड़ सकते थे। ये वो लोग हैं जो पाकिस्तान से 1948 में यहां आए थे। क्या यह ऐसी ही चलता रहेगा।
मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आपका प्रतिनिधि आपके बीच से ही चुना जाएगा। जैसे पहले मुख्यमंत्री होते थे वैसे ही अब भी होंगे। मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त करांएगे। जब नागरिकों को उनका हक पूरा उन्हें मिलेगा तब वहां मुझे नहीं लगता कि वहां यूनियन टेरिटरी बनी रहने की व्यवस्था बनी रहेगी। मैं भरोसा देता हूं कि आपाके पारदर्शिता के साथ अपने प्रतिनिधियों को चुनने का मौका मिलेगा। हालात ठीक होते ही जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी नहीं रहेगी। चार पांच महीने पहले जो लोग चुनकर आएं है वह बहुत बेहतरीन काम कर रहे हैं। जब मैं श्रीनगर गया तो मेरी लंबी मुलाकातें हुर्इं। पंचायत के साथियों की वजह से जम्मू-कश्मीर में ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत तेजी से काम हुआ है। खास तौर पर जो महिला पंच चुनकर आर्इं है उन्होंने तो कमाल कर दिया है। मुझे विश्वास है कि धारा 370 हटने के बाद वह नए उर्जा नए सपनों के साथ आगे बढ़ेगे और अलगावाद को दूर करेंगे। साथियों दशकों के परिवारवाद ने मेरे युवाओं को मौका ही नहीं दिया। अब वह जम्मू-कश्मीर के युवा वहां को नेतृत्व करेंगे।
युवाओं और बहन बेटियों से कहता हूं आगे आइए और वहां की कमान खुद संभालिए। जम्मू-कश्मीर में दुनिया का सबसे बड़ा टूरिस्ट प्लेस बनने की क्षमता है। पहले बॉलीवुड में हर फिल्म की शूटिंग वहां होती थी। अब वहां हालात सामान्य होने पर दुनिया के लोग शूटिंग करने आएंगे। मैं बालीबुड, तेलगु फिल्म आदि से आग्रह करता हूं कि वह यहां निवेश करने का प्रयास करेंगे। वहां डिजिटल पावर मिलेगा, जितना वहां टेक्नलॉजी का इस्तेमाल होगा उतना ही जम्मू-कश्मीर के युवाओं को अवसर मिलेगा। कश्मीर का बच्चा खेल के मैदान में दुनिया के अंदर देश का नाम रोशन करेगा। कश्मीर के सेव, केसर, कहवा का विस्तार अब दुनिया में होगा। लद्दाख के यूनियन टेरिटरी बनने के बाद अब इसका विकास केंद्र की जिम्मेदारी बनती है। लद्दाख में अब बिना भेदभाव के विकास होगा। युवाओं को बेहतर संस्थान मिलेगा, अच्छा अस्पताल मिलेगा। लोकतंत्र में यह भी स्वाभाविक है कि कुछ पक्ष में है तो कुछ पक्ष में नहीं है। लेकिन इस पर जो बहस हो रही उस पर केंद्र सरकार उसका जवाब दे रही है और उस पर विचार भी कर रही है। जो विरोध में है वह भी देशहित को सर्वोपरि रखें।
सभी मिलकर एक जुट होकर काम करें। हर देशवासी को कहना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की चिंता हम सबकी चिंता है। अनुच्छेद 370 हटाना आज की सच्चाई है। कुछ मुट्ठीभर लोग जो वहां का माहौल बिगाडना चाहते है उनका जवाब भी वहां के लोग जवाब दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के देशभक्त लोग उनका डटकर मुकाबला कर रहे हैं। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामन्य हो जांएगे। ईद के त्यौहार की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।
ईद भी हमारे लोग बिना किसी परेशानी के मनाएं हम इसका पूरा ध्यान रख रहे हैं। ईद मनाने में जम्मू-कश्मीर के लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी। कश्मीर के देशभक्त पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम कर रहे हैं। पुंछ जिले के मौलवी को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है। राजौरी की रुकसाना कौसर को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। आतंकियों से लड़ते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शहीद हुए आम नागरिक भी शहीद हुए इन सबका सपना था एक शांत और समृद्ध जम्मू-कश्मीर बनाने का था। हम सबको इस सपने को पूरा करना है। मैं आह्वान करता हूं यहां के लोगों का ज्ज्बा पूरी दुनिया को दिखा दें। हम नए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का निर्माण कर रहे हैं।