Govt Will Congrol Rising Prices Of Wheat And Flour, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गेहूं और आटे के बढ़ रहे दामों पर अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है। सरकार थोक ग्राहकों को गेहूं बेचने का प्लान बना रही है। अगले महीने से आटा मिलर्स और बिस्किट निमार्ताओं को गेहूं बेचा जाएगा। सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अपने भंडार से 23,250 रुपए प्रति टन पर गेहूं बेचने की मंजूरी दी गई है, जो मौजूदा खुले बाजार की कीमतों से करीब 12 फीसदी कम है।
एफसीआई ने हालांकि अभी यह तय नहीं किया है कि खुले बाजार में उसकी कितना गेहूं बेचने की योजना है। पिछले साल जून में भारतीय खाद्य निगम ने निजी कंपनियों को गेहूं बेचना शुरू किया था। इसके बाद इस साल मार्च तक एक करोड़ टन से थोड़ा अधिक गेहूं बेचा गया है।
एक डीलर ने बताया कि एफसीआई आकर्षक दाम पर गेहूं बेचेगा, इसलिए बड़े पैमाने निजी कंपनियां या थोक ग्राहक खरीदारी में दिलचस्पी दिखाएंगे। लगातार पांच रिकॉर्ड फसल के बाद भीषण गर्मी से 2022 व 2023 में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है जिससे इसके दाम एक साल में 6 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
सरकार ने बुधवार को कहा, आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों और चालू खरीफ सत्र में बुवाई का रकबा बढ़ने से दिल्ली व इंदौर के थोक बाजारों में उड़द के दाम घटने शुरू हो गए हैं। 6 जुलाई तक दिल्ली व इंदौर में उड़द की थोक कीमत साप्ताहिक आधार पर क्रमश: 1.08% और 3.12% घटी है। बुधवार को खुदरा बाजार में उड़द दाल की कीमत 135 से 140 रुपए प्रति किलो हो गई है।
चालू खरीफ सत्र में 5 जुलाई तक उड़द की बुवाई का रकबा बढ़कर 5.37 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 3.67 लाख हेक्टेयर था। सरकार की उम्मीद है कि अच्छी बारिश की वजह से खरीफ सीजन में उड़द का बंपर उत्पादन होगा।
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