नई दिल्ली, आज समाज:
केंद्र सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आठ राज्यों के राज्यपालों को बदल दिया है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रमेश बैस को झारखंड का राज्यपाल बनाया है। रमेश बैस इससे पहले उत्तर पूर्वी राज्य में राज्यपाल की जिम्मेदारी पर थे। वे पहले केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं और पूर्व प्रधानमंत्री और दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी रहे थे।
बदले गए आठ राज्यपालों में त्रिपुरा, मिजोरम, मध्यप्रदेश और हरियाणा शामिल है। त्रिपुरा में सत्यदेव नारायण को राज्यपाल नियुक्त किया है। वहीं मिजोरम में हरिबाबू कंममपति को राज्यपाल बनाया है। मध्यप्रदेश में मंगूभाई छगनभाई को राज्यपाल नियुक्त किया गया है। साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता बंगारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। इसमें सबसे बड़ा नाम आनंदीबेन पटेल का है जो अब मध्य प्रदेश नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल होंगी।
राज्यपाल के लिए इनकी नियुक्ति
मध्य प्रदेश: मंगूभाई छगनभाई पटेल: मध्य प्रदेश
कर्नाटक: थावर चंद गहलोत: केंद्रीय मंत्री थे, अब कर्नाटक
झारखंड: रमेश बैस: त्रिपुरा के गवर्नर थे, अब झारखंड
हरियाणा: बंडारू दत्तात्रेय: हिमाचल के गवर्नर थे, अब हरियाणा
त्रिपुरा: सत्यदेव नारायण आर्य: हरियाणा के राज्यपाल थे, अब त्रिपुरा
हिमाचल प्रदेश: राजेंद्र विश्वनाथ आरलेकर: हिमाचल प्रदेश
गोवा: पीएएस श्रीधरन पिल्लई: मिजोरम के राज्यपाल थे, अब गोवा
मिजोरम: हरिबाबू कम्भमपति: मिजोरम
पहले सबसे अधिक 2018 में सात राज्यपाल बदले थे
इससे पहले अगस्त 2018 में एक साथ सात राज्यों के राज्यपाल बदले गए थे। उस समय हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद को सिक्किम और त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय को गंगा प्रसाद की जगह मेघालय भेजा गया। साथ ही, बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड, सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा, सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर और लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया था।
सात जुलाई को मंत्रीमंडल विस्तार की संभावना
संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री सात जुलाई को कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। मोदी 2.0 का पहला विस्तार बुधवार को सुबह 11 बजे होगा। कैबिनेट में अभी 28 मंत्री पद खाली हैं। 17-22 सांसदों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक मोदी ने 2 दिन तक गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ कैबिनेट विस्तार पर बैठकें की हैं।