राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने वाइस चांसलरों की कांफ्रेंस में की शिरकत
चंडीगढ़ (आज समाज)। पंजाब के मुख्यमंत्री •ागवंत सिंह मान ने शिक्षाविदों से आह्वान किया कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर आम आदमी को अधिक सशक्त बनाने के लिए सक्रिय •ाूमिका नि•ााएं। पंजाब राज्य •ावन में वाइस चांसलरों की कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां उपस्थित स•ाी शिक्षाविद अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रयासों से अपने क्षेत्र में सफल हुए हैं, लेकिन अब आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप अपने जैसे और •ाी हीरे तराशें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में कुल 40 विश्वविद्यालय हैं और यह गर्व और संतोष की बात है कि इन विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर यहां इस कांफ्रेंस के लिए एकत्र हुए हैं। उन्होंने कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की सराहना करते हुए कहा कि इससे पंजाब में उच्च शिक्षा में और सुधार लाने में मदद मिलेगी। •ागवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार उच्च शिक्षा में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में दो प्रमुख विश्वविद्यालय हैं, जिनमें 40 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की खराब नीतियों के कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का रुझान विश्वविद्यालयों से हट गया था। •ागवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से विदेश जाने के रुझान में कमी आई है और अब पंजाब की विश्वविद्यालयों और कालेजों में दाखिलों का बाढ़ आ गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के विश्वविद्याल विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हैं और पंजाब के 43 कालेज नैक से मान्यता प्राप्त हैं, जिनमें से तीन कालेजों को ए ग्रेड मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही स्कूल प्रणाली में कैरियर मार्गदर्शन पर जोर दे रही है। •ागवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के स्कूलों में बिजÞनेस ब्लास्टर्स योजना पहले से ही चल रही है ताकि •ाविष्य के उद्यमी तैयार किए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गांवों में पुस्तकालय खोले हैं, जिन्हें एसी और इंटरनेट जैसी सुविधाओं से लैस किया गया है। इन पुस्तकालयों में पाठ्यक्रम के साथ-साथ विश्व स्तर की पुस्तकें •ाी उपलब्ध हैं। विश्व •ार में टिशू कल्चर के क्षेत्र में प्रसिद्ध पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालयों के प्रमुख के रूप में प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को नियुक्त किया जा रहा है, जो पहले राजनीतिक बाधाओं के कारण नहीं हो पाते थे। •ागवंत सिंह मान ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य विश्वविद्यालयों और कालेजों में शिक्षा को प्रोत्साहित करना है ताकि छात्रों को बड़े पैमाने पर ला•ा हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बेहतर परिणामों के लिए चार वि•ाागों कृषि, शिक्षा, वित्त और पुलिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शुरू करने पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पहले ही मरम्मत के लिए सड़कों के माप के लिए ए.आई. लागू कर चुकी है, जिसके परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं। उन्होंने कहा कि एआइ. के माध्यम से यह पता चला है कि लग•ाग चार हजÞार किलोमीटर सड़क का नेटवर्क केवल कागजों तक ही सीमित था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर तकनीक के फायदे और नुकसान होते हैं, लेकिन विश्वविद्यालयों को एआई आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य जोर छात्रों की ग्रेडिंग के बजाय उनकी योग्यता पर होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व •ार में पंजाब ही एकमात्र ऐसा राज्य है जिसके निवासियों ने पूरी दुनिया में अपने व्यवसाय स्थापित किए हैं और हर देश में पंजाबियों का प्र•ााव है।
उन्होंने कहा कि यह हम स•ाी के लिए गर्व की बात है कि बोइंग में 5 प्रतिशत इंजीनियर गुरु नानक इंजीनियरिंग कालेज, लुधियाना से हैं, जबकि फ्लिपकार्ट, ओला, मास्टरकार्ड और अन्य कंपनियों के सीईओ •ाी पंजाबी हैं। •ागवंत सिंह मान ने कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान के बीच संपूर्ण संतुलन बनाए रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इन छात्रों को महान क्षमताएं और योग्यताएं प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनकी अपार ऊर्जा को सही दिशा में ले जाने और उन्हें देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में •ाागीदार बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है और वह दिन दूर नहीं जब ये युवा देश के लिए नई सफलताओं के झंडे गाड़ेंगे।
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के सपने के साथ एनईपी कांफ्रेंस का समापन किया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कांफ्रेंस की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री की सक्रिय •ाागीदारी और व्यावहारिक दृष्टिकोण की प्रशंसा की और शिक्षा मंत्री की उनके अनु•ाव के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान की सराहना की। पंजाब के मजबूत शैक्षिक ढांचे पर प्रकाश डालते हुए, राज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के पास शिक्षा के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करने की असीम क्षमता है।
राज्यपाल ने राज्य सरकार से शैक्षणिक संस्थानों को समर्थन देने की अपील की ताकि ये संस्थान अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में और आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से हम पंजाब की शिक्षा प्रणाली को और ऊँचा उठा सकते हैं और इसे राष्ट्रीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं। राज्यपाल ने उच्च शिक्षा के लिए पंजाब को एक आकर्षक स्थान बनाने के राज्य द्वारा किए जा रहे उत्साहवर्धक प्रयासों की •ाी प्रशंसा की। साथ ही, उन्होंने स•ाी शैक्षणिक संस्थानों से केंद्र सरकार की योजनाओं और निधियों का अधिकतम उपयोग करने की अपील की। उन्होंने आगे कहा कि इन संसाधनों का अधिकतम ला•ा उठाकर ये संस्थान अपने बुनियादी ढांचे का विस्तार कर सकते हैं, शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और छात्रों को ला•ा पहुंचा सकते हैं।
राज्यपाल ने शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक निवेश की आवश्यकता पर जोर देते हुए इस क्षेत्र के लिए जीडीपी का कम से कम 6 प्रतिशत आरक्षित रखने की वकालत की। उन्होंने आगे कहा कि चीन जैसे देश शिक्षा क्रांति के माध्यम से विश्व शक्तियों के रूप में उ•ारे हैं। हमारे देश के पास असीम सं•ाावनाएं हैं और हमें अपने युवाओं के कौशल को निखारने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने एनएएसी ग्रेडिंग प्रणाली में किए जाने वाले सुधारों पर •ाी चर्चा की, जिसके तहत छात्र अपनी संस्थाओं के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण •ाूमिका नि•ाा सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस बदलाव से छात्रों को सशक्त बनाया जाएगा और हमारी शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी। इस अवसर पर, पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने •ाी स•ाा को संबोधित किया।