Government’s policy to control onion prices : टमाटर के बाद अब प्याज ने बढ़ाई आम आदमी की मुश्किलें

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Government's policy to control onion prices
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Aaj Samaj (आज समाज), Government’s policy to control onion prices , नई दिल्ली: देश में प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर 31 दिसंबर तक 40% ड्यूटी लगा दी है। अभी तक इसके एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। देश में इस समय हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। पिछले लगभग दो महीने से टमाटर का दाम लगातार 200 से ऊपर है। लेकिन टमाटर के बाद अब प्याज भी जनता को रुलाने की तैयारी कर रहा है। लेकिन दाम बढ़ने से रोकने के लिए प्याज के दामों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। अक्टूबर में नई फसल आने के बाद दाम कम हो सकते हैं।

प्याज के एक्सपोर्ट पर 31 दिसंबर तक सरकार ने लगया बैन

देश में प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर 31 दिसंबर तक 40% ड्यूटी लगा दी है। अभी तक इसके एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार इस कदम से देश में प्याज की अवेलेबिलिटी को बनाए रखना चाहती है और इससे कीमतें भी नियंत्रण में रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी।

कहीं 63 रुपए तो कहीं 10 रपए किलो बिक रहा प्याज

कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, प्याज की ऑल इंडिया ऐवरेज रिटेल प्राइस शनिवार को 30.72 रुपए प्रति किली थी। अधिकतम कीमत मिजोरम के चंफई में है जहां 63 रुपए प्रति किलो में प्याज बिक रहा है। न्यूनतम कीमत मध्य प्रदेश के नीमच और बुरहानपुर में है जहां प्याज 10 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है।

कब तक घटेंगे प्याज के दाम?

क्रिसिल ने इस महीने की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सप्लाई घटने से सितंबर की शुरुआत में प्याज 60-70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकता है। फरवरी में महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में रबी की फसल जल्दी पक गई। मार्च में इन इलाकों में बेमौसम बारिश से शेल्फ लाइफ 6 महीने से घटकर 4-5 महीने रह गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर से प्याज की फसल आनी शुरू हो जाएगी। इससे आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतों में नरमी आएगी।

सरकार के पास फिलहाल 3 लाख टन स्टॉक

सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राइस स्टैबलाइजेशन फंड (PSF) के तहत 3 लाख टन प्याज का स्टॉक बनाए रखा है, ताकि कम सप्लाई वाले मौसम के दौरान बढ़ती कीमतों को रोका जा सके। इसके अलावा सरकार प्याज को ई-ऑक्शन, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों के साथ मिलकर कंज्यूमर को-ऑपरेटिव रिटेल आउटलेट्स के जरिए मार्केट में उतार रही है।